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This Article is From Jan 25, 2024

MP News : 15 वर्षों से नहीं हुई कैडर रिव्यू मीटिंग, अफसरों के प्रमोशन अटकने पर CAT ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

 MP News : केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण ने कहा कि केंद्र सरकार यह बताएं कि इतनी ढीली गति से  कैडर रिव्यू क्यों हो रहा है? और यदि यह इतनी धीमी गति से हो रहा है तो क्यों ना हम स्पेशल कैडर रिव्यू के ऑर्डर कर दें ? केंद्र सरकार , राज्य सरकार ,यूपीएससी ,केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग एवं गृह विभाग को नोटिस दिए गए हैं. 

MP News : 15 वर्षों से नहीं हुई कैडर रिव्यू मीटिंग, अफसरों के प्रमोशन अटकने पर CAT ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के पुलिस अफसरों के 15 सालों से कैडर रिव्यू मीटिंग नहीं होने के मामले में जबलपुर  स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (Central Administrative Tribunal) ने सख्ती दिखाई है. अभिकरण ने केंद्र , राज्य सरकार सहित 5 विभागों को नोटिस जारी कर 19 मार्च तक जवाब मांगा है. बता दें कि मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन ने केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में एक याचिका दायर की थी. इसी मामले में अभिकरण ने सरकारों को तलब किया है. 

ये है मामला 

जबलपुर स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण (Central Administrative Tribunal) ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि राज्य पुलिस कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) पदोन्नति के लिए हर 5 वर्ष में होने वाली कैडर रिव्यू मीटिंग को वर्ष 2008 से अभी तक क्यों नहीं की गई है. केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण में मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन के द्वारा यह याचिका दायर की गई है.

याचिका में की गई है कैडर रिव्यू मीटिंग की मांग

बता दें कि यह याचिका ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष और साइबर क्राइम इंदौर के SP जितेंद्र सिंह ने दायर की है.  इस याचिका में यह मांग की गई है कि 2008 से कैडर रिव्यू मीटिंग नहीं होने से मध्य प्रदेश पुलिस के विभिन्न पदों में भर्ती किए गए कई अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हुई है. ये अफसर एडिशनल एसपी के पद तक पहुंच गए हैं, लेकिन उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में कैडर रिव्यू से पदोन्नत नहीं किया गया है. ऐसे करीब 200 अधिकारी हैं, जो अपनी पदोन्नति का इंतज़ार कर रहे हैं. संगठन का आरोप है कि 2008 से बहुत से पुलिस अधिकारी रिटायर हो गए हैं, लेकिन पदोन्नति नहीं हो पाई. इसलिए अब जल्दी ही पदोन्नति के लिए कैडर रिव्यू मीटिंग की जाए.  

जानिए क्या है मामला

मध्य प्रदेश पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन एक गजेटेड ऑफिसर एसोसिएशन है. इसमें वह सभी पुलिस ऑफिसर्स शामिल हैं, जो DSP, CSP और SDOP के रूप में नियुक्त होते हैं. इन्हें एडिशनल एसपी की पोस्ट भी दे दी जाती है. इनका प्रमोशन आगे हो ही नहीं सकता. UPSC के माध्यम से होने वाली IPS भर्ती में एक हिस्सा उन अफसरों का है, जो राज्यों से स्टेट पुलिस सर्विसेज में भर्ती हुए हैं और सीनियर होने के बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए मान्य किया जाता है. कितने ऑफिसर आईपीएस के लिए नियुक्त किया जा सकते हैं, इसका निराकरण संबंधित राज्य शासन और केंद्र सरकार के समन्वय से होता है. 

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हर 5 वर्ष में होना चाहिए  कैडर रिव्यू 

एडवोकेट पंकज दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार की धीमी गति से जो कार्रवाई की जा रही है, उससे  2008 से लेकर 2022 के बीच में जो कैडर रिव्यू हर 5 वर्ष में होना चाहिए, वह नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है. मध्य प्रदेश में 200 से ज्यादा अधिकारी एडिशनल एसपी या डीएसपी रहते हुए रिटायर हो गए हैं. दूसरी ओर अन्य राज्यों में जो 2013 के बैच के स्टेट पुलिस सर्विस के अधिकारी हैं, उन्हें IPS अवार्ड कैडर रिव्यू के बाद दे दिया गया है. मध्य प्रदेश  पुलिस संगठन ने  केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को समय-समय पर कई ज्ञापन दिए. इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पीएचक्यू के माध्यम से पत्र भेजकर कैडर रिव्यू किए जाने की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसी स्थिति में संगठन ने  केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण के समक्ष याचिका प्रस्तुत की है. जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण ने कहा है कि केंद्र सरकार यह बताएं कि इतनी ढीली गति से  कैडर रिव्यू क्यों हो रहा है और यदि यह इतनी धीमी गति से हो रहा है, तो क्यों ना हम स्पेशल कैडर रिव्यू के ऑर्डर कर दें ?

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