
GIS 2025: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) 2025 में जर्मनी एक 'भागीदार देश' के रूप में भाग लेगा, अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दो दिवसीय सम्मेलन 24 फरवरी को यहां शुरू होगा.
जर्मनी के महावाणिज्यदूत अचिम फीबिग, इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईजीसीसी) और जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर (जीआईआईसी) के प्रतिनिधियों के साथ सम्मेलन में भाग लेंगे. जर्मनी के म्यूनिख की अपनी यात्रा के दौरान, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जर्मन निवेशकों को सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) और जीआईआईसी-मध्य भारत के साथ समन्वय में राज्य में अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया.
जीआईएस-2025 में, इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के तहत भारत-जर्मन सहयोग के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए एक जर्मन मंडप स्थापित किया जाएगा.
सामाजिक और आर्थिक विकास परियोजनाओं पर जोर
पवेलियन में हरित ऊर्जा, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास से संबंधित सामाजिक और आर्थिक विकास परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा.
इन समझौता ज्ञापन पर होंगे हस्ताक्षर
ये परियोजनाएं जर्मन संगठन जीआईजेड द्वारा वित्तपोषित हैं और एनआईसीटी इंदौर, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही हैं. मध्य प्रदेश सरकार, आईजीसीसी तथा जीआईआईसी-सीआई के बीच राज्य में सतत एवं दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
इस समझौते के तहत जर्मन कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न विकास परियोजनाओं में भाग लेंगी.
बयान में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में कई जर्मन कंपनियां पहले से ही रासायनिक, दवा और हार्डवेयर इंजीनियरिंग क्षेत्रों में काम कर रही हैं. जर्मन निवेशक अब आईटी, वैश्विक कौशल विकास, उत्कृष्टता केंद्र, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डीप टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में भी रुचि दिखा रहे हैं.