
Stone Pelting and Idol Breaking Case Bhopal: अनंत चतुर्दशी के अगले दिन भोपाल के आरिफ नगर इलाके में गणेश प्रतिमा के विसर्जन (Ganesh Visarjan) जुलूस पर पथराव के आरोप लगे, जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए गौतम नगर थाने का घेराव किया. इसी बीच मामले से जुड़ा एक अहम तथ्य सामने आया है, जिनका नाम मौजूदा FIR में आरोपियों में है, ने करीब एक महीने पहले इसी थाने में मौजूदा फरियादी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. शिकायत में बताई घटनास्थल की लोकेशन शुरुआती तथ्यों से पूरी तरह मेल नहीं खाती; अब तक खंगाले गए CCTV फुटेज में पथराव दर्ज नहीं मिला. अब फरियादी ही पुलिस की जांच के घेरे में आ गए हैं. आरोप है कि आपसी रंजिश का बदला लेने के लिए पथराव की कहानी बनाई गई.
ऐसी हुई बयानबाजी
बीजेपी विधायक और मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास सारंग ने अपने बयान में कहा कि "यह नजीर पेश की जाएगी कि इस तरह की हिमाकत कोई ना करें इस तरह की गलती ना करें, मध्य प्रदेश शांति का टापू है यहां हर सनातनी त्यौहार बढ़ चढ़कर मनाया जाएगा, यदि उसमें कोई रोड़ा लगाएगा तो वह कोई भी हो कैसा भी हो उसे बक्शा नहीं जाएगा." वहीं बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि "विघ्नहर्ता के जुलूस में विघ्न डालोगे तो जिंदगी भर विघ्न भोगोगे, यह बिरयानी खिलाने वालों की सरकार नहीं है."
पुलिस की पड़ताल और CCTV फुटेज इस 'राजनीतिक नैरेटिव' को पलटने लगे हैं.
पुलिस की जांच व गवाह कुछ और ही कह रहे हैं
फरियादी चरण सिंह कुशवाहा ने तीन नामजद आरोपियों पर पत्थरबाज़ी और मूर्ति खंडित करने का आरोप लगाया. FIR में लिखा गया. पत्थर उन्हीं के हाथों से आया. लेकिन पुलिस की जाँच कह रही है – कहानी कुछ और है.
गवाह मंसूर खान का कहना है कि "मेरी दुकान से सीसीटीवी लेकर गये थे, क्लीयर दिख रहा है यहां 9 बजे तक मौजूद थे."
इसकी फुटेज सामने आई है. तीसरे आरोपी यासीन के खिलाफ फरियादी ने नामजद रिपोर्ट लिखाई है, लेकिन फरियादी खुद कह रहे हैं कि उन्होंने आरोपियों को घटना स्थल पर नहीं देखा.
पुलिस का क्या कहना है?
एडिश्नल डीसीपी शालिनी दीक्षित बताती हैं कि "हमलोगों को सूचना मिली पथराव का केस हुआ है हमारी पूरी टीम वहां पहुंची तत्काल हमने उनको कहा एफआईआर करवाएं लेकिन उस वक्त वो रिलकटेंट थे, आधे पौने घंटे बाद एफआईआर करवाई जब सीसीटीवी फुटेज देखें तो एक तो अभी तक मिला नहीं बाकी जो 2 हैं वो दोनों वहां नहीं थे, एक तो दुकान पर था प्राथमिक तौर पर जो सबूत मिले, वहां गवाहों से पूछा वो लोग भी बयान देने नहीं आए कोई ऐसा सबूत नहीं मिला कि ये घटना हुई है."
इसके बाद झांकी डीआईजी बंगला चौराहा पहुंचा, जहां जुलूस में समिति के पदाधिकारियों ने पथराव में प्रतिमाएं खंडित होने का आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर दिया. हालांकि जिन लोगों की पुलिस ने गवाही ली उन्होंने भी मामले से इंकार किया.
एनडीटीवी ने मामले में फरियादी चरण सिंह कुशवाहा से बात करने की कोशिश की लेकिन पहले उसने फोन नहीं उठाया बाद में कहा वो कोर्ट में है.
अब फरियादियों को खिलाफ FIR की मांग
वैसे फरियादी और आरोपी अब्दुल हलीम के बीच पहले भी विवाद हो चुका है. फरियादी चरण सिंह के खिलाफ मौजूदा आरोपी अब्दुल हलीम ने 8 अगस्त को एफआईआर करवाई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि काम के दौरान कुशवाहा और उसके साथियों ने उनके साथी गाली-गलौज की और वाहन में आग लगाने व जान से मारने की धमकी दी. अब इस मामले में फरियादियों को खिलाफ एफआईआर की मांग हो रही है.
सच्चाई क्या है ये CCTV और पुलिस की जांच तय करेगी. लेकिन ये साफ़ है कि संवेदनशील मौक़े पर नेताओं ने बयानबाज़ी से 'नैरेटिव' रचने की जल्दबाज़ी दिखाई. वहीं धर्म के जानकार ये भी पूछ रहे हैं कि अनंत चतुर्दशी खत्म होने के बाद श्राद्ध पक्ष में विग्रह का विसर्जन क्यों हो रहा है.
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