Naxal Encounter in Gariaband: छत्तीसगढ़ के गरियाबांद जिले में गुरुवार को एक बार फिर सुरक्षाबलों और नक्सिलयों के बीच मुठभेड़ हुई है. एनकाउंटर में कई नक्सलियों के मारे जाने की सूचना मिल रही है. शोभा थाना और मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. हालांकि, घंटों से मुठभेड़ जारी है. जंगल में सुबह गूंजती गोलियों की तड़तड़ाहट ने पूरे इलाके को हिला दिया.

घेराबंदी और मुठभेड़
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि जंगलों में बड़े नक्सली कमांडर डेरा जमाए हुए हैं. इस पर गरियाबंद पुलिस, STF और COBRA की संयुक्त टीम ने मोर्चा संभाला. चारों तरफ से जंगल की घेराबंदी की गई और जैसे ही जवान आगे बढ़े, नक्सलियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. जवाबी कार्रवाई में एक करोड़ का इनामी नक्सली सीसी मेंबर मॉडेम बालाकृष्ण उर्फ बालन्ना उर्फ रामचंद्र उर्फ राजेंद्र उर्फ गोलकोंडा राजेंद्र उर्फ चिन्नी उर्फ मनोज उर्फ भास्कर ढेर हो गया. उसकी उम्र 58 वर्ष है. बालाकृष्ण तेलंगाना के वारंगल जिले का रहने वाला था.

दहशत का नाम हुआ खत्म
बालाकृष्ण लंबे समय से छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉर्डर पर नक्सली नेटवर्क को संभाल रहा था. उसके नाम पर कई बड़ी वारदातें दर्ज थीं. सरकार ने उस पर एक करोड़ का इनाम रखा था. सुरक्षा बलों के लिए उसका मारा जाना न सिर्फ बड़ी राहत है, बल्कि नक्सलियों के लिए करारा झटका भी है.
दूसरा बड़ा वार
इस मुठभेड़ में नक्सलियों को दूसरी बड़ी चोट भी लगी. उड़ीसा स्टेट कमेटी (SZCM) का मेंबर प्रमोद उर्फ पांडु भी गोलीबारी में ढेर हो गया. माना जा रहा है कि वह संगठन की रणनीति और फैसले लेने वाला अहम चेहरा था. उसकी मौत नक्सलियों की कमर तोड़ने वाली साबित हो सकती है.
जंगल की सिहरन और जवानों की जीत
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जंगल में घंटों तक गोलियों की आवाज गूंजती रही. जमीन पर पत्तों की सरसराहट और आसमान में बारूद की गंध के बीच जवान डटे रहे. आखिरकार जब धुआं छंटा तो नक्सलियों के खात्मे की तस्वीर सामने आई.
आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा
अधिकारियों ने साफ किया है कि अभियान अभी जारी है और विस्तृत जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन इतना तय है कि इस मुठभेड़ ने नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को हिला दिया है.
Note: यह खबर अपडेट की जाएगी...
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