
Shriniwas Tiwari Rewa Controversy: 'दो गज भी जमीन न मिली जीने-मरने के लिए...' अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के लिए लिखी यह लाइन 1857 की लड़ाई के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) में सच होती नजर आ रही है. इसके केंद्र में विंध्य के अपने समय के सबसे बड़े नायक रहे पंडित श्रीनिवास तिवारी (Shriniwas Tiwari) हैं, जिनको लोग व्हाइट टाइगर भी कहते थे. इनकी मूर्ति लगाने को लेकर लगातार विवाद गहराता चला जा रहा है. भाजपा को दिक्कत नहीं है, कांग्रेस तो मूर्ति लगाना ही चाहती है. नगर निगम कमिश्नर कहते हैं कि हम सारे विभागों से बात करके हल निकाल लेंगे. लेकिन, मूर्ति स्थल पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी है, काम को बंद किया गया है.
रीवा में नई राजनीति
रीवा में एक नई राजनीतिक लड़ाई के जन्म का आगाज होने की भूमिका बनने लगी है. इस बार केंद्र में किसी जमाने के विंध्य प्रदेश के सबसे बड़े नेता रहे पंडित श्रीनिवास तिवारी हैं. इनकी मूर्ति लगाने को लेकर विवाद धीरे-धीरे गहराता जा रहा है. पंडित श्रीनिवास तिवारी दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे, मंत्री रहे, उनके बेटे स्वर्गीय सुंदरलाल तिवारी भी सांसद रहे, वर्तमान में सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी भारतीय जनता पार्टी के त्योथर से विधायक हैं.
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दोनों पार्टियों में क्रेडिट लेने की होड़
बीजेपी के नेता जहां कह रहे हैं कि उनकी मूर्ति लगाने का निर्णय हमारे समय में हुआ था. वहीं दूसरी ओर वर्तमान महापौर कह रहे हैं कि सात साल हो गए, हमारा ही प्रस्ताव पास हुआ था. अब जब मूर्ति लगाने का समय आया, सौ साल पूरे हो गये, काम काफी हद तक हो गया, तो पुलिस भेज कर काम को रुकवा दिया गया है.
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