Police Constable Recruiment Exam: मुरैना जिले में पांचवीं बटालियन में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट के दौरान चार डमी परीक्षार्थी फिजिकल देते हुए पकड़े गए, जो लिखित परीक्षा पास कर चुके चार परीक्षार्थियों की जगह एग्जाम देने पहुंचे थे. संदेह होने पर पुलिस ने सभी चारों डमी परीक्षार्थियों को हिरासत में ले लिया.
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डमी परीक्षार्थियों से पूछताछ कर रैकेट खंगालने में जुटी मुरैना पुलिस
सिटी कोतवाली पुलिस हिरासत में लिए गए चारो डमी परीक्षार्थियों से पूछताछ कर उनके रैकेट को खंगालने में जुटी है. मामले की जांच पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की निगरानी में हो रही है. हिरासत में लिए तीन आरोपी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं. सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
5वीं बटालियन परिसर में था पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का फिजिकल
गौरतलब है गत मंगलवार को पांचवीं बटालियन पर में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का फिजिकल था, लेकिन फिजिकल परीक्षा में मूल परीक्षार्थी की जगह पर डमी कैंडीडेट शामिल हुआ. डमी कैंडीडेट दौड़, गोला फेंक, लंबीकूद में अच्छे अंक हासिल कर फिजिकल पास कर लिए. लेकिन दस्तावेज और फोटो मिलान के दौरान उसकी पोल खुल गई.
आरोपी ने किया बड़ा खुलासा, लिखित परीक्षा में भी बैठा था सॉल्वर
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के फिजिकल एग्जाम में हिरासत में लिए गए डमी कैंडीडेट ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया. आरोपी ने बताया कि लिखित परीक्षा में पास हुए मुरैना के दुर्गेश जाटव ने फिजिकल एग्जाम की तरह आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट बदलकर किसी सॉल्वर को बैठाया था. लेकिन उसपर किसी को संदेह नहीं हुआ.
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40 हजार रुपए भुगतान कर फिजिकल के बुलाया था डमी कैंडीडेट
बताया जाता है कि मुरैैना के दुर्गेश जाटव की जगह पर फिजिकल में शामिल युवक को 40 हजार रुपए का भुगतान पर मथुरा से बुलाया था. दिलचस्प बात यह है कि आरोपी दुर्गेश जाटव और डमी परीक्षार्थी एकदूसरे से मिले तक नहीं थे. डमी परीक्षार्थी को फिजिकल से पहले 10 हजार रुपए एडवांस और एक्जाम के बाद 30 हजार देना तय हुआ था.
तो बिना फिजिकल दिए मुरैना का आरक्षक बन जाता दुर्गेश जाटव
पुलिस की गिरफ्त में आए एक डमी परीक्षार्थी के पास से पुलिस को तीन-चार आधार कार्ड अलग-अलग नाम के मिले हैं और सभी आधार कार्ड में आरोपी के फिंगर प्रिंट लगे थे. आरोपी इसी जुगाह से तीन चार परीक्षा डमी परीक्षार्थी के तौर पर परीक्षा दे चुका है. पुलिस के मुताबिक दस्तावेज में पकड़ा नहीं जाता तो बिना परीक्षा के मुरैना का दुर्गेश जाटव आरक्षक बन जाता.