Football Player Somni Dhurve: मंडला जिले के छोटे से गांव बरखेड़ा की सोमनी धुर्वे ने भारतीय अंडर-17 नेशनल फुटबॉल टीम सेलेक्शन ट्रायल कैंप में अपनी जगह बना ली है. सोमनी धुर्वे के पिता योगेश धुर्वे और माता सुनीता धुर्वे दिहाड़ी मजदूर हैं. सोमनी पिछले सात सालों से मृदा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी मोहगांव के छात्रावास में रहकर नर्मदा वैली फुटबॉल क्लब में फुटबॉल प्रशिक्षण ले रही है.
चुनौतियों से भरा रहा सोमनी धुर्वे का सफर
सोमनी धुर्वे का सफर संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने हर बाधा को पार कर यह मुकाम हासिल किया है. सोमनी का सफर सिर्फ फुटबॉल का नहीं है, यह रूढ़ियों को तोडने और बड़े सपने देखने की प्रेरणा देने वाली है. धुर्वे का ये सफलता मंडला के युवाओं के लिए मिसाल है.
भारतीय अंडर-17 बालिका नेशनल फुटबॉल टीम में जगह बनाने का मिला मौका
सोमनी ने यह साबित कर दिया कि जुनून, धैर्य और दृढ़ता के साथ कोई भी अपनी किस्मत खुद बना सकता है. सोमनी अब 10 जनवरी से बेंगलुरु में आयोजित चयन ट्रायल कैंप में भाग लेंगी, जहां उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने और भारतीय अंडर-17 बालिका नेशनल फुटबॉल टीम में स्थान पक्का करने का मौका मिलेगा.
मंडला के लड़कियों के लिए बनी मिसाल
सोमनी के इस अद्भुत प्रदर्शन से न केवल उनका गांव, बल्कि पूरा मंडला जिला गर्वित है. उनके हर गोल के साथ वह न केवल खेल के मैदान पर बल्कि प्रेरणा की नई कहानी लिख रही हैं. यह सिर्फ एक खिलाड़ी की उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे मंडला जिले की जीत है. सोमनी धुर्वे क्षेत्र की लड़कियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं. इसके साथ ही उनकी यह सफलता लड़कियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेगी.
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