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Fertilizer Crisis: कृषि मंत्री ने कहा-किसान परेशान न हों, MP में मौजूद है पर्याप्त खाद स्टॉक, ऐसे हैं आंकड़े

Fertilizer Shortage: एमपी के कृषि मंत्री ने खाद संकट को लेकर बताया कि जिलों की मांग एवं विक्रय की स्थिति को ध्यान में रखकर रैक की प्लानिंग की जा रही है. प्राप्त रैक से मांग एवं विक्रय के अनुसार विपणन संघ द्वारा डबल लॉक केन्द्रों में उर्वरकों का भंडारण कराया जा रहा है. डबल लॉक केन्द्रों पर टोकन द्वारा वितरण करने के लिये निर्देश दिये गये हैं. व्यवस्थित ढंग से खाद का वितरण कराया जा रहा है. साथ ही निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर निगरानी के निर्देश दिये गये हैं.

Fertilizer Crisis: कृषि मंत्री ने कहा-किसान परेशान न हों, MP में मौजूद है पर्याप्त खाद स्टॉक, ऐसे हैं आंकड़े

Fertilizer Crisis in Rabi Crop Season: मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.  रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है, जो किसानों के लिये बड़ी सौगात है. वहीं खाद संकट को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों को खाद के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. राज्य सरकार के पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है. किसानों को खाद के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी दी जाएगी. किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण कराया जाएगा.

रबी सीजन कब से कब तक होता है?

रबी मौसम 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक का होता है. इस दौरान केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा महीने के अनुसार और कंपनी के मुताबिक खाद का आवंटन जारी किया जाता है. कंपनियां आवंटन के अनुसार प्रदेश में खाद उपलब्ध करा रही हैं.

मध्य प्रदेश में रबी फसलों की बोनी 1 अक्टूबर से 30 दिसंबर के बीच होती है. सर्वप्रथम चंबल एवं ग्वालियर संभाग में बोनी होनी है. बोनी की प्राथमिकता एवं जिले में उपलब्ध स्टॉक को ध्यान में रखकर उर्वरक व्यवस्था की जा रही है. विगत वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक 18.82 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था. केन्द्र सरकार द्वारा रबी 2024 के लिये 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया प्रदाय करने की सहमति प्रदान की गई है.

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक खाद उपलब्ध

मध्य प्रदेश में अक्टूबर 2023 में यूरिया का विक्रय 4.67 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि अक्टूबर 2024 में 8.53 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है. इसमें से 2.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया (Urea) का विक्रय हुआ है और 6.13 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है. बीते वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डीएपी (DAP) एवं एनपीके (NPK) 10.36 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हुआ था. केन्द्र सरकार द्वारा रबी 2024-25 के लिये 14 लाख मीट्रिक टन का आवंटन प्रदान किया गया है.

अक्टूबर 2023 में डीएपी एवं एनपीके का विक्रय 4.37 लाख मीट्रिक टन हुआ था, वहीं अक्टूबर 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है. इसमें से 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके का विक्रय हुआ है और 3.36 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है. प्रदेश में यूरिया एवं डीएपी, एनपीके की रैक निरंतर प्राप्त हो रही है. जिलों की मांग अनुसार रैक उपलब्ध कराई जा रही है.

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