Fertilizer Crisis in Rabi Crop Season: मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है, जो किसानों के लिये बड़ी सौगात है. वहीं खाद संकट को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों को खाद के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. राज्य सरकार के पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है. किसानों को खाद के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी दी जाएगी. किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण कराया जाएगा.
प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ और रबी दोनों सीजन में किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया है।
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) October 19, 2024
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रबी सीजन कब से कब तक होता है?
रबी मौसम 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक का होता है. इस दौरान केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा महीने के अनुसार और कंपनी के मुताबिक खाद का आवंटन जारी किया जाता है. कंपनियां आवंटन के अनुसार प्रदेश में खाद उपलब्ध करा रही हैं.
⏩राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि दिए गए उर्वरक गुणवत्तापूर्ण हों।
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) October 18, 2024
⏩घटिया उर्वरक, बीज और कीटनाशकों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई होगी।
⏩कालाबाजारी और नकली उत्पादों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक खाद उपलब्ध
मध्य प्रदेश में अक्टूबर 2023 में यूरिया का विक्रय 4.67 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि अक्टूबर 2024 में 8.53 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है. इसमें से 2.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया (Urea) का विक्रय हुआ है और 6.13 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है. बीते वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डीएपी (DAP) एवं एनपीके (NPK) 10.36 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हुआ था. केन्द्र सरकार द्वारा रबी 2024-25 के लिये 14 लाख मीट्रिक टन का आवंटन प्रदान किया गया है.
अक्टूबर 2023 में डीएपी एवं एनपीके का विक्रय 4.37 लाख मीट्रिक टन हुआ था, वहीं अक्टूबर 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है. इसमें से 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके का विक्रय हुआ है और 3.36 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है. प्रदेश में यूरिया एवं डीएपी, एनपीके की रैक निरंतर प्राप्त हो रही है. जिलों की मांग अनुसार रैक उपलब्ध कराई जा रही है.
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