
ग्वालियर (Gwalior) चम्बल संभाग सहित पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते दस दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड थमने का नाम नहीं ले रही है. आज से ग्वालियर में मावठा भी शुरू हो गया है. वहीं सुबह से हो रही झमाझम से बारिश की वजह से किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं, क्योंकि इस समय रबी की फसलों यानी गेंहू, चना और सरसों को पानी की दरकार थी, इसलिए इस बारिश से किसानों काफी खुश हैं. हालांकि इस बारिश की वजह से ग्वालियर में सर्दी और ज्यादा बढ़ गई है, जो आम लोगों के लिए मुसीबत बन गई है.
नए साल से ग्वालियर में सर्दी का प्रकोप जारी है. इधर, चार दिनों से जिले में ठंड की कहर देखने को मिल रही है, जिससे आम लोगों के जन जीवन काफी प्रभावित हुआ है. लोगों का हाल भी बेहाल हो गया है. शीत लहर के चलते ग्वालियर कलेक्टर ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल संचालित होने के समय-सीमा को बदल दिया है. हालांकि सोमवार को हल्की धूप से लोगों को थोड़ी सी राहत देखने को मिली है. वहीं दिन के अधिकतम तापमान का ग्राफ भी थोड़ा ऊपर गया है, लेकिन बरसात ने फिर अंचल को ठंड की चपेट में ले लिया.
तड़के तीन बजे शुरू हुई बारिश
वहीं मौसम विभाग भी लगातार बारिश होने की चेतावनी दे रही थी. साथ ही अंचल में मावठे के आसार के अनुमान लगाए थे और ये अनुमान सही साबित हुआ. रात में जब लोग रजाई में दुबके हुए थे तभी तड़के तीन बजे अचानक तेज बारिश शुरू हो गई. लगभग एक घंटे तक बारिश तेज रही. उसके बाद से कभी तेज तो कभी धीमी गति से पानी बरस रहा है. हालांकि इससे ठंड और बढ़ गई है.
मावठे से किसानों के चेहरे खिले
इस समय रबी की फसल यानी गेंहू, चना, सरसों को पानी की बहुत जरूरत रहती है और बरसात के इस पानी को वो मावठा कहते हैं, क्योंकि इसकी बूंदें फसल के लिए अमृत के समान मानी जातीं है और समय पर मावठा आने के बाद किसानों के चेहरे पर मुस्कान भी आ गई है.
ये भी पढ़े: मध्य प्रदेश की इस गली में आधी रात उमड़ता है फूड लवर्स का हुजूम, जानिए क्या है इसकी खासियत?