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दांव पर बच्चों का भविष्य ! सिंगरौली के स्कूलों में पढ़ाई की जगह हो रही 'सफाई'

MP News in Hindi : NDTV की टीम इसका ज़याज़ा लेने के लिए सिंगरौली जिले के कई सरकारी स्कूलों में पहुंचीं तो ग्राउंड जीरो पर जो देखने को मिला वो बेहद ही चौंकाने वाला था.

दांव पर बच्चों का भविष्य ! सिंगरौली के स्कूलों में पढ़ाई की जगह हो रही 'सफाई'
दांव पर बच्चों का भविष्य ! सिंगरौली के स्कूलों में पढ़ाई की जगह हो रही 'सफाई'

Education Crisis in MP : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शिक्षा (Education) का हाल बदहाल है. आलम ऐसा है कि यहां पर पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों मौजूद हैं... लेकिन स्कूल चलाने के लिए कोई इमरात नहीं हैं.... और अगर ईमारत है भी तो उनमें सुविधाओं की भारी कमी है. NDTV की टीम इसका ज़याज़ा लेने के लिए सिंगरौली जिले के कई सरकारी स्कूलों में पहुंचीं तो ग्राउंड जीरो पर जो देखने को मिला वो बेहद ही चौंकाने वाला था. इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि जवाबदार जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारी इस मामले पर आंख बंद कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.

एक टीचर के भरोसे स्कूल

NDTV की टीम ने सबसे पहले जिले के भकुआर गांव के सरकारी स्कूल का हाल जाना. इस स्कूल में एक ही शिक्षक के सहारे एक से लेकर पांचवी तक कि कक्षाएं चल रही है... और एक ही क्लास में एक से लेकर पांचवी तक कि पढ़ाई हो रही है. सरकारी विद्यालय का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है, शौचालय तो है लेकिन उस पर हमेशा ताला लटका रहता है.

पानी तक की किल्लत

इस स्कूल के शिक्षक सूर्य प्रताप सिंह बताते है कि स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं हैं. स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. कई बार इसकी जानकारी विभाग को दी गई लेकिन आज तक किसी ने दिन नहीं दिया. इसी वजह से एक कि क्लासरूम में एक से लेकर पांचवी तक के बच्चे बैठते है.

स्कूल में बर्तन की सफाई

देश का भविष्य कहने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल से मिलने वाला मिड डे मील करने के बाद अपने खाने के बर्तन खुद साफ करना पढ रहे है. इस दौरान स्कूल के छात्रों का कहना है कि ये कोई पहला मौका नहीं है कि उन्हें बर्तन साफ करना पड रहे हैं बल्कि वह जब से स्कूल में पढ रहे है तभी से उन्हें अपने खाने के बर्तन स्कूल में धोना पड़ रहा है.

खंडहर में कैसे रोशन होगा बच्चों का भविष्य

खंडहर में कैसे रोशन होगा बच्चों का भविष्य ?? 

किसी को नहीं सरोकार

इसके बाद NDTV की टीम अमझर गांव के सरकारी स्कूल में पहुंची तो वहां भी कुछ इसी तरह की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई, इस सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील भोजन करने के बाद अपने बर्तन खुद साफ करने पड रहे है. वहीं, स्कूल के छात्रों का कहना है कि शिकायत करने पर न तो बर्तन साफ करने वाले की व्यवस्था की जा रही है. न ही स्कूल स्टाफ कोई एक्शन लेता है.

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शौचालय में जड़ा ताला

वैसे तो कहने के लिए स्कूल में 2 शौचालय है, लेकिन दोनों में ताला लटका मिला, इस सरकारी स्कूल में 1 से लेकर 8वीं क्लास के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते है लेकिन विद्यालय के शौचालय में ताला लटका रहता है जिस वजह से बच्चों को शौच के लिये बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में कैसे बच्चे पढ़ेंगे और कैसे स्कूल चलेंगे ?

स्कूल से टीचर गायब

NDTV की टीम आगे बढ़ी और कंजी गांव मे पहुंची और वहां के सरकारी माध्यमिक विद्यालय का हाल जाना....तो वहां स्कूल से महिला  टीचर गायब मिली. व्यवस्था के तौर पर सरकारी शिक्षिका ने एक अन्य व्यक्ति को स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा हुआ है. स्कूल में हैंडपंप तो है लेकिन पानी नही है, शौचालय तो बना है लेकिन ताला बंद रहता है. इस स्कूल में बच्चों ने बताया कि मिड डे मील खाने के बाद थाली उन्हें खुद ही साफ करना पड़ता है.

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ऐसे कैसे होगी पढ़ाई ?

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर प्रदेश में शिक्षा का स्तर ऐसा रहेगा तो देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का खुद का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा? कहने को तो सरकार शिक्षा के विकास की खूब बात करती हैं लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके ठीक उलट है. यहां पर चल रही स्कूलों के पास अपने भवन ही नहीं है... अगर हैं भी तो उनमें व्यवस्था की भारी कमी है.

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