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This Article is From Nov 28, 2023

खंडहर में तब्दील होता जा रहा स्कूल... कई साल से मरम्मत का इंतजार, जोखिम में 159 बच्चों की जान

स्कूल भवन के निर्माण को लगभग 40 वर्ष पूरे होने को हैं और इसकी स्थिति दिनों-दिन खराब होती नजर जा रही है. बरसात के समय में स्कूल के कमरों में पानी का रिसाव होता है, जगह-जगह पानी टपकता है, बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते लेकिन जवाबदार जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारी इस मामले पर आंख बंद कर अनहोनी के इंतजार में हैं.

खंडहर में तब्दील होता जा रहा स्कूल... कई साल से मरम्मत का इंतजार, जोखिम में 159 बच्चों की जान
बिलासपुर में मरम्मत का इंतजार कर रहा 40 साल पुराना स्कूल

Bilaspur News: बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोटा विकास खंड के प्राथमिक शाला धरमपुरा में स्कूल भवन की दशा किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है. भवन की दुर्दशा की जानकारी के बाद भी जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग इस पर कोई ठोस पहल करते दिखाई नहीं दे रहा है. विकास खंड कोटा के वार्ड क्रमांक 13 धरमपुरा में टापू इलाके में अविभाजित मध्य प्रदेश शासन काल 1984 में इस स्कूल का निर्माण कराया गया था.

अब यह प्राथमिक विद्यालय अपनी जर्जर हालत की ओर बढ़ रहा है, जिसे मरम्मत की सख़्त ज़रूरत है. वर्ष 2017 से लेकर अब तक इस स्कूल भवन की छत, जिस पर टीन शेड लगाया गया है,  कई बार उड़कर गिर चुकी है जिसके कारण स्कूल में बंदर और कबूतरों का डेरा लगा रहता है. छत पर ढलाई नहीं होने से बार-बार टीन शेड का गिरना और फिर उसी के नीचे इतने सारे बच्चों का स्कूल संचालित होना कहीं न कहीं किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देता प्रतीत हो रहा है. 

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स्कूल में पढ़ते हैं 159 बच्चे

इस स्कूल में पहली से कक्षा पांचवीं तक की कक्षाएं लगती हैं, जिसमें 159 बच्चे पढ़ते हैं. इन बच्चों के लिए एक प्रधानपाठक और 5 शिक्षक पदस्थ हैं. विद्यार्थियों के लिए 5 कमरे भी बनाए गए हैं. इसके साथ ही अतिरिक्त कमरे भी बनाए गए हैं लेकिन वर्तमान समय में दो कमरों में शेड नहीं है, जिसके कारण बच्चों को एक अतिरिक्त कमरे में और प्रधानपाठक के कार्यालय में ही एक कक्षा पढ़ाई जाती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो कार्यलय सहित 3 कमरों में 159 बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था की गई है. इस तरह की व्यवस्था से बच्चों सहित 6 शिक्षकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

बनी हुई है आकस्मिक अनहोनी की आशंका

इस संबंध में जानकारी देते हुए स्कूल की प्रधान पाठिका ने बताया कि वे पिछले दो साल से इस स्कूल में पदस्थ हैं और स्कूल की मरम्मत और अधूरी व्यवस्था को पूर्ण कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी लिखित में दे चुकी हैं. लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस मामले पर स्थायी समाधान नहीं किया गया है, जिससे आकस्मिक अनहोनी की आशंका बनी हुई है. 

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भवन निर्माण को पूरे हो चुके हैं 40 साल

स्कूल भवन के निर्माण को लगभग 40 वर्ष पूरे होने को हैं और इसकी स्थिति दिनों-दिन खराब होती नजर जा रही है. बरसात के समय में स्कूल के कमरों में पानी का रिसाव होता है, जगह-जगह पानी टपकता है, बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते लेकिन जवाबदार जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारी इस मामले पर आंख बंद कर अनहोनी के इंतजार में हैं.  कोटा विकास खंड के शिक्षा अधिकारी विजय टाण्डे ने कहा कि जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी दे दी गई है.

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