Medical College Negligence : एमपी, जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, में लचर स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक उदासीनता का मामला सामने आया है. लेकिन एनडीटीवी की सक्रियता ने दो गरीब मरीजों को राहत दिलाई है. दरअसल, अस्थि रोग सर्जरी विभाग में भर्ती अब्दुल करीम और रईस खान लंबे समय से अपने-अपने ऑपरेशन का इंतजार कर रहे थे. अब्दुल खान के दोनों पैरों में ट्रक चढ़ गया था. वह HIV+ भी है, उसका ऑपरेशन सिर्फ इसलिए रुका हुआ था, क्योंकि ऑपरेशन ग्लव्स उपलब्ध नहीं थे. मरीज से 6500 रुपये की मांग की गई थी, जो वह देने में असमर्थ थे. दूसरे मरीज, रईस खान के घुटने का ऑपरेशन 30 दिसंबर से रुका हुआ था, क्योंकि अस्पताल में आर्टिफिशियल घुटना उपलब्ध नहीं था.
फिर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की
जब एनडीटीवी की टीम को इन मरीजों की दुर्दशा का पता चला, तो उन्होंने तुरंत उनके परिवारजनों से संपर्क कर उनकी समस्याएं सुनी ही थी कि इसकी यह खबर मेडिकल प्रशासन तक पहुंचते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों मरीजों का सफल ऑपरेशन करवा दिया.
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चिकित्सा सुविधाओं की कमी क्यों
NDTV की इस खबर ने न केवल मरीजों को जीवनदान दिया, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में फैली खामियों को भी उजागर किया.
यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा किया है. एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की कमी क्यों हैं ? ऑपरेशन ग्लव्स जैसी साधारण चीजों के लिए मरीजों को क्यों भटकना पड़ रहा है? आर्टिफिशियल घुटने जैसी जरूरी सामग्री की अनुपलब्धता क्यों है ?
इस मामले ने स्पष्ट किया कि चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की कितनी जरूरत है. सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मरीजों को बिना किसी बाधा के समय पर इलाज मिले. ऑपरेशन होने के बाद पीड़ित मरीज ने NDTV को शुक्रिया बोला है.
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