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This Article is From Dec 28, 2024

PESA Act : CM मोहन के सख्त निर्देश, कहा- वन अधिकार और पेसा कानून के मामले जल्द सुलझाएं

PESA Act News :  पेसा कानून को लेकर मध्य प्रदेश सख्त है. शनिवार को सीएम हाउस में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून को लेकर सीएम ने बैठक की. जानें क्या कहा...

PESA Act : CM मोहन के सख्त निर्देश, कहा- वन अधिकार और पेसा कानून के मामले जल्द सुलझाएं
PESA Act : CM मोहन के सख्त निर्देश, कहा- वन अधिकार और पेसा कानून के सभी मामले जल्द सुलझाएं.

Meeting Regard Forest Rights Act and PESA Act : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम हाउस में शनिवार को बैठक की. ये बैठक वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून (PESA Act) को लेकर की गई. इस दौरान सीएम ने इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित टास्क फोर्स की कार्यकारी समिति की बैठक की. इस बीच सीएम ने कहा- पेसा कानून में प्रस्तुत समस्त दावों का निराकरण समय-सीमा निर्धारित कर प्राथमिकता पर किया जाए, आगामी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में इसकी समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनजातीय कार्य विभाग में पेसा सेल गठित करने पर सहमति प्रदान की.

'लाभ दिलवाने के लिए रणनीति बनाई जाए'

पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं में समस्त पात्र भाई-बहनों का शत-प्रतिशत सेचुरेशन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश तेंदूपत्ते का बड़ा उत्पादक है, लेकिन इसका व्यावसायिक उपयोग अन्य राज्यों में होता है. तेंदूपत्ता संग्राहकों और इससे जुड़े विभिन्न व्यवसायों को प्रदेश में ही प्रोत्साहित करने एवं जनजातीय भाई-बहनों को इसके लाभ दिलवाने के लिए रणनीति बनाई जाए.

790 ग्रामों का गजट नोटिफिकेशन जारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के लिए राज्य शासन द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन अनुसार, ग्राम वासियों को रिकार्ड ऑफ राइट्स शीघ्र प्रदान किए जाएं. सीएम ने कहा कि जिला स्तर पर वन, राजस्व और जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी समन्वय से कार्य करें. प्रदेश में विद्यमान 925 वन ग्रामों में से 827 को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया. इनमें से 792 को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर अब तक 790 ग्रामों का गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है.

 'वन क्षेत्रों का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता'

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों के जीवन स्तर में सुधार और वन क्षेत्रों के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए, इसके साथ ही सामाजिक संस्थाओं को जोड़ते हुए गतिविधियों का विस्तार किया जाए. बैठक में मध्यप्रदेश वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों और उसके क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई.

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