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MP में खाद की उपलब्धता को लेकर CM मोहन ने की समीक्षा, कहा- जैविक और प्राकृतिक खाद पर ध्यान दें किसान

CM Dr. Mohan Yadav : मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने गौवंश आधारित जैविक खाद और प्राकृतिक खाद के उपयोग पर जोर दिया है. शनिवार को सीएम ने उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा की. जानें इस दौरान सीएम ने और क्या कहा..

MP में खाद की उपलब्धता को लेकर CM मोहन ने की समीक्षा, कहा- जैविक और प्राकृतिक खाद पर ध्यान दें किसान
MP में खाद की उपलब्धता को लेकर CM मोहन ने की समीक्षा, कहा- जैविक और प्राकृतिक खाद पर ध्यान दें किसान

Organic And Natural Fertilizer Use : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा की.  इस बीच सीएम ने यूरिया, डीएपी जैसे रासायनिक उर्वरकों की समय रहते उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए गौवंश आधारित जैव उर्वरकों के उपयोग पर जोर दिया. प्रदेश में ऐसा करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. सीएम ने कहा,- कृषक, पारंपारिक अनुभव और स्वयं की पहल पर बड़े पैमाने में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं. यह मिट्टी की गुणवत्ता और धरती की सेहत के लिए भी लाभप्रद है. उपयोग की जा रही जैविक खाद की मात्रा की गणना और दस्तावेजीकरण की आवश्यकता है.

सीएम ने कहा- "प्रदेश में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने का मॉडल विकसित किया जाए. राज्य की यह पहल अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगी. रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए जैविक और प्राकृतिक खाद जैसे विकल्प किसानों को उपलब्ध कराए जाएं".

उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को फसल चक्र के अनुसार समय रहते उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए उर्वरक वितरण के प्रमुख केन्द्रों पर अग्रिम भंडारण सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए कार्य योजना विकसित करने के निर्देश दिए गए.बैठक में बताया गया कि प्रदेश में फसलों की बुवाई लगभग 97 प्रतिशत है. वर्तमान वर्ष में यूरिया, एन.पी.के.,एस.एस.पी और एम.ओ.पी. उर्वरकों की उपलब्धता गत चार वर्षों में सर्वाधिक है. वर्तमान तक उपलब्ध 35 लाख 68 हजार मीट्रिक टन में से 32 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का वितरण हो चुका है.

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मासिक उर्वरक व्यवस्था पर चर्चा

इसी प्रकार 9 लाख 29 हजार मीट्रिक टन एन.पी.के., 10 लाख 58 हजार मीट्रिक टन एस.एस.पी, 91 हजार मीट्रिक टन एम.ओ.पी. वितरित हो चुका है. इसी प्रकार 10 लाख 82 मीट्रिक टन डीएपी और 20 लाख 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी + एन.पी.के. वितरित किया जा चुका है. बैठक में विभिन्न जिलों में मासिक उर्वरक व्यवस्था पर चर्चा हुई. आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

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