
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िले में माता महालक्ष्मी का अनोखा मंदिर है. जहां सोने-चांदी और हीरों के जेवरात से माता लक्ष्मी की वेशभूषा पहनाई जाती हैं. बेशकीमती आभूषणों से माता का श्रृंगार किया जाता है. यहां पर आने वाले लोग माता महालक्ष्मी के चरणों में सोना- चांदी, हीरे-मोती और रुपया-पैसा रखते हैं और जीवन में खुशियां और सफलता पाने के लिए प्रार्थना करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से साल के अंत में उनकी आय दोगुनी हो जाती है. इस समय दिवाली और जगमगाते दीपों का त्यौहार है. ऐसे में इस मंदिर की सजावट देखने लायक है.
नोटों और आभूषणों से सजाया जाता है मंदिर
दिवाली के समय इस मंदिर की खास सजावट की जाती है. मंदिर इस तरीके से सजाया जाता है कि दर्शन करने आए श्रद्धालु सजावट देखकर भौचक्के रह जाते हैं. पूरे मंदिर को नोटों और आभूषणों से सजाया जाता हैं. इस सजावट में खर्चा किए की कीमत सौ करोड़ तक पहुंच जाती है. इस मंदिर से जुड़ी ख़ास बात यह है कि जितना धन मंदिर की सजावट के लिए श्रद्धालु दान करते हैं. उसके बाद उन्हें वह पैसा वापस भी कर दिया जाता है. इसके लिए उन्हें धनराशि की रसीद दी जाती है और भाईदूज के दिन टोकन वापस करके उनका धन और आभूषण भी वापस कर दिया जाता है.
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धनतेरस के दिन खुलता है मंदिर
बताया जाता है कि यह मंदिर साल भर नहीं खुलता है. मध्य प्रदेश के रतलाम में माता लक्ष्मी का ये मंदिर केवल धनतेरस के दिन ही शुभ मुहूर्त में खोला जाता है. जहां पांच दिनों तक हर्षोल्लास के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है. कहा जाता है कि भक्त माता महालक्ष्मी के लिए घर से आभूषण लाते हैं और जो ऐसा करता है उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. इसी मान्यता के साथ दिवाली से ठीक पहले धनतेरस पर इस मंदिर पर कई सारे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हैं.
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