विज्ञापन
Story ProgressBack

मध्यप्रदेश में उगी 'वोट की फसल, खेतों से खाद नदारद...लापरवाही के शिकार हुए किसान

चुनाव में नेताजी कुर्सी की फसल काटेंगे लेकिन ही चुनावों के बीच अफसरों की लापरवाही मध्य प्रदेश के कई जिले में किसानों पर भारी पड़ रही है. उनके सामने खाद का संकट खड़ा हो गया. किसानों को खाद नहीं मिल रही है.

Read Time: 5 min
मध्यप्रदेश में उगी 'वोट की फसल, खेतों से खाद नदारद...लापरवाही के शिकार हुए किसान

Madhya Pradesh Assembly Elections 2023: मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव कहे जाने वाले चुनाव में शासन-प्रशासन व्यस्त है. नेताओं को प्रचार से फुर्सत नहीं है...हर चुनावी मंच पर किसानों (Farmers) का सबसे बड़ा हमदर्द बनने की होड़ मची हुई है. लेकिन यही चुनाव किसानों के लिए मुसीबत बन गया है.  अफसरों की लापरवाही मध्य प्रदेश के कई जिले में किसानों पर भारी पड़ रही है. उनके सामने खाद का संकट खड़ा हो गया है. तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही है. दरअसल  मध्यप्रदेश में 9 अक्तूबर को आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हुई थी. जिसके बाद किसी भी सरकारी सामान पर किसी भी राजनीतिक दल या नेता की तस्वीरें या प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसी की जद में  किसानों को मिलने वाला खाद भी आ गया. क्योंकि शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers)को बोरों से पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की तस्वीर हटाने का आदेश दिया है.

Latest and Breaking News on NDTV


 किसानों की मुश्किल ये है कि रबी के मौसम (Rabi season) में बुआई का समय गुजर रहा है. बुआई में देरी के डर से चिंतित किसान बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरक की बोरियां खरीद रहे हैं.भोपाल के पास ईंटखेड़ी गांव के किसान हरि सिंह सैनी अपनी 12 एकड़ जमीन के लिए फॉस्फेट आधारित उर्वरक डीएपी के केवल 15 बोरियां खरीदने में कामयाब रहे हैं.

उन्होंने कहा, "हमारा खर्च 20% बढ़ गया है, यह बहुत मुश्किल हो गया है कम उपज के साथ खेती बर्बाद हो जाएगी, इस फसल से हम लगभग कुछ भी नहीं कमाएंगे.

कुछ ऐसा ही हाल भोपाल के निपानिया जाट गांव का है. यहां एक किसान को एक बोरी डीएपी और दो बोरी यूरिया दी जा रही है.नये पैकेजिंग के साथ उर्वरक उपलब्ध होने के बावजूद,किसान बढ़ती कीमतों की शिकायत करते हैं. यहीं के किसान लोकेंद्र जाट का कहना है कि यूरिया का एक बैग जो पहले 50 किलोग्राम का होता था, अब उसे 45 किलोग्राम के बैग में पैक किया जाता है, जबकि कीमत वही रहती है. उन्होंने कहा, "डीएपी की एक बोरी की कीमत पहले 1,200 रुपये थी, लेकिन अब इसकी कीमत 1,365 रुपये है। दानेदार उर्वरक की कीमत भी 310 रुपये से बढ़कर 468 रुपये हो गई है. इससे पैदावार पर असर पड़ेगा.

Latest and Breaking News on NDTV


हालांकि कुछ जगहों पर नए पैकेजिंग में यूरिया के बैग आए हैं, लेकिन वहां भी इसकी भारी कमी है. रीवा और देवास जैसे जिलों में नई बोरियां आ गई हैं लेकिन वहां किसान पांच-छह घंटे से अधिक समय तक कतारों में इंतजार करने की शिकायत कर रहे हैं. यहां किसानों को कुछ बैग उर्वरक प्राप्त करने के लिए दो से तीन चक्कर लगाने पड़ते हैं.

मंदसौर में तो पैकेजिंग में संशोधन से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है और यहां तक कि सही ढंग से पैक किए गए उर्वरक भी धीमी रफ्तार से वितरित किए जा रहे हैं.

स्थानीय तहसीलदार रमेश मसारे ने एनडीटीवी को बताया कि लंबी कतारें अन्य जिलों के किसानों द्वारा उर्वरक खरीदने के लिए वहां आने के कारण होती हैं, लेकिन कमी की किसी भी खबर से इनकार किया। हालांकि ये भी कह गये कि कतारों की वजह आचार संहिता और पुरानी पैकेजिंग है.
इस बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राज्य में अपना चुनाव अभियान तेज कर दिया है, यह मुद्दा पार्टी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के भाषणों में भी उठ रहा है. खुद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा कर रही हैं कि राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है और वितरण केंद्रों के बाहर आसानी से खाद मिल रही है.

जब से भाजपा सरकार सत्ता में है,किसानों को कभी भी यूरिया या खाद की कमी नहीं हुई. आज भी मध्य प्रदेश में खाद वितरण में कोई दिक्कत नहीं है, आज प्रधानमंत्री की फ़ोटो है ऐसी सिचुएशन बनाने का कोई मतलब नहीं है. 

निर्मला सीतारमण

केन्द्रीय वित्त मंत्री

 दूसरी ओर, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एमपी में एक रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी पर 'किसानों को धोखा देने और उनके लिए कुछ नहीं करने' का आरोप लगाया.दूसरे कांग्रेस दिग्गज मसलन- कमलनाथ और दिग्विजय भी हर चुनावी मंच से खाद की कमी का मुद्दा उठा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार राज्य में लगभग 6.42 लाख मीट्रिक टन यूरिया आया, 2.86 लाख मीट्रिक टन बेचा गया है और 3.56 लाख मीट्रिक टन बचा हुआ है। कुल 4.31 लाख मीट्रिक टन डीएपी में से 2.03 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें: BJP की इमरती देवी समेत AAP और सपा के उम्मीदवार ने नहीं दिया चुनाव ख़र्च का हिसाब, नोटिस जारी

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close