
Panna Diamond Mines on rent: आज के दौर में हर कोई का एक सपना होता है करोड़पति बनना... कई लोग बिजनेस कर करोड़पति बनना चाहते हैं... तो कोई 'कौन बनेगा करोड़पति में' हिस्सा लेते हैं, ताकि रातों-रात करोड़पति बन सके. लेकिन आज हम आपको भारत के ऐसे शहर की बात करेंगे, जहां के गरीब लोग महज 200 रुपये खर्च कर करोड़पति बन रहे हैं. ये जानकर आपको हैरानी होगी, लेकिन यह सच है और ये शहर कहीं और नहीं बल्कि भारत का दिल मध्य प्रदेश में है. बता दें कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पट्टा पर हीरे का खादान मिलता है.
200 रुपये में हीरा माइंस का ले सकते हैं पट्टा
मध्य प्रदेश के पन्ना को हीरों की नगरी (City of diamonds) कहा जाता है. यहां लोग माइंस खरीदते हैं... या फिर किराए पर लेते हैं और हीरे खोजते हैं. यहां हर साल करीब 100 से ज्यादा हीरे निकलते हैं, जिसे नीलामी कर लोग करोड़पति बन रहे हैं. वहीं इस हीरे को खरीदने के लिए देश-विदेश के व्यापारी यहां पहुंचते हैं.
पन्ना में इस क्वालिटी के मिलते हैं हीरे
पन्ना में हीरे की खदानें 80 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई हैं, जो मझगांव से पहाड़ीखेड़ा तक हैं. इस 80 किलोमीटर के क्षेत्र में कई माइंस हैं. पन्ना में तीन तरह के हीरे मिलते हैं, जो व्हाइट, कोकाकोला रंग और मैला रंग हैं. यहां जो हीरे मिले हैं, उसकी कीमत नीलामी के दौरान 3 करोड़ रुपये तक मिल चुकी है.
पन्ना में 3 करोड़ रुपये का मिल चुका हीरा
पन्ना खनिज अधिकारी रवि पटेल बताते हैं कि सबसे बड़ा हीरा (अच्छी गुणवता) साल 1961 में मिला था, जो 44.55 कैरेट का था. नीलामी में इस हीरे की कीमत 3 करोड़ रुपये मिली थी. इसके अलावा साल 2018 में यहां 42.59 कैरेट का हीरा मिला था. जिसकी नीलामी कीमत 2,55,54000 रुपये थी.
लोग रातों-रात बनते हैं करोड़पति
खास बात ये है कि इस हीरे की माइंस पट्टा पर लेने के लिए 200 रुपये (शासकीय शुल्क) का चालान जमा करना होता है, जो एक साल के लिए होता है और उसके बाद फिर पट्टा लेना होता है. इस पट्टे को सिर्फ बुंदेलखंड के ही लोग ले सकते हैं.
पन्ना खनिज अधिकारी रवि पटेल बताते हैं कि माइंस का पट्टा लेने के लिए शासकीय शुल्क 200 रुपये का चालान जमा करना होता है, जो जनवरी से दिसम्बर महीने के लिए होता है.
बता दें कि सिर्फ 200 रुपये की चालान शुल्क पर लोग सालभर हीरे खोजते हैं. वहीं माइंस का पट्टा लेने के दौरान आपको आधार कार्ड, फोटो और दो सो रुपये जमा करना होता है. जिसके बाद आपको 8x8 मीटर की एक जगह अलॉट की जाती है, जहां पर आप खुदाई कर सकते हैं. हालांकि खुदाई करने के लिए कुछ शर्ते होती है. दरअसल, माइंस की खुदाई की मिट्टी को वहां से कहीं और नहीं ले जा सकते हैं और काम पूरा होने होने के बाद उसे वहां ही डालना होता है.
कैसे माइंस से निकालते हैं हीरे?
कई फीट तक मिट्टी हटाने के बाद इसे दूसरे गड्ढे में डालकर पानी से धोया जाता है. पानी से धोने के बाद मिट्टी हट जाता है और सिर्फ कंकड़ बचते हैं. बता दें कि इन्हीं कंकड़ों में हीरे मिलते हैं.
हालांकि पट्टा मिलने का मतलब यह नहीं है कि आपको हीरा मिल ही जाएगा, यह पूरी तरह से आपकी किस्मत पर निर्भर करता है. पन्ना में कई लोग हर साल पट्टा लेकर खुदाई करते हैं, लेकिन सभी को हीरा नहीं मिलता है.
अगर किसी को हीरा मिल जाता है तो उसे बेचने के लिए पन्ना संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय (Diamond Office) में जमा करना होता है, जहां इसकी जांच होती है. इसके बाद सरकार इसकी नीलामी करवाती है. वहीं टैक्स और रॉयल्टी काटकर खदान मालिक को पैसे दिए जाते हैं. हालांकि कई लोग रॉयल्टी बचाने के चक्कर में या जल्दी पैसे लेने के चक्कर में इसकी कालाबाजारी भी करते हैं.
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