Debt on Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर कर्ज (Debt) का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने वाले हैं. आचार संहिता लगने से पहले मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर कर्ज लिया है. सरकार ने एक हजार करोड़ का कर्ज दोबारा लिया है जिसके बाद अब मध्य प्रदेश पर लगभग कुल चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है.
सरकार ने फिलहाल एक हजार करोड़ का कर्ज 15 साल के टेन्योर के लिए मार्केट से लिया है. सरकार को इस कर्ज को 2038 तक चुकाना होगा. महज आठ दिन के अंदर सरकार ने चौथी बार कर्ज लिया है. इससे पहले 26 सितंबर को एक ही दिन में 3 बार में 5000 करोड़ का कर्ज लिया गया था, जिसके बाद अब राज्य पर कुल कर्ज 4 लाख करोड़ के ऊपर पहुंच गया है.
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योजनाओं से खाली हो रहा खजाना
प्रदेश पर कर्ज के साथ-साथ लगातार ब्याज भी बढ़ता जा रहा है.
इन योजनाओं में लाड़ली बहना योजना, किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी, मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरण, मेधावियों को स्कूटी वितरण शामिल हैं.
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सरकारी कर्मचारियों पर सौगातों की बरसात
इसके आलावा सरकारी कर्मचारियों पर भी लगातार सौगातों की बरसात हो रही है. पिछले कुछ महीनों में सरकार ने 23 हजार रोजगार सहायकों का वेतन दोगुना किया, पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान दिया, कर्मचारियों का डीए चार प्रतिशत बढ़ाया, अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना किया, कॉलेज के अतिथि विद्वानों का मानदेय 20 हजार बढ़ाया गया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया. इसके साथ ही लाड़ली बहना का बजट भी लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि योजना में लगातार प्रावधान किए जा रहे हैं. इसके साथ ही विपक्ष को एक बार फिर हमला बोलने का मौका मिल गया है.