Bahu KIlled Saas In Rewa: रीवा में एक बहू द्वारा अपनी सास को क्रूरता पूर्वक हत्या में दोषी पाई गई बहु फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि साक्ष्य के अभाव में आरोपी ससुर को कोर्ट ने रिहा कर दिया. अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट हत्या का मामला मानते हुए बहू को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है.
घरेलू विवाद के चलते दरांती से सास पर ताबड़तोड किया हमला
मामला रीवा जिले के मंनगवा थाना अंतर्गत अतरैला प्लाट का है, जहां 2 साल पहले 12 जुलाई 2022 को घरेलू विवाद के चलते आरोपी बहू कंचन ने अपनी सास सरोज पति वाल्मिकी की सब्जी काटने वाली दरांती से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था, जिससे सास गंभीर रूप से घायल हो गई थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दरांती से 100 बार हमले की हुई पुष्टि
बहू की क्रूरता पूर्वक हमले में घायल सास को उपचार के लिए अस्तपाल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि सास के शरीर पर लगभग 100 हमला किया गया था. कोर्ट न्यायालय ने इसे क्रूर नहीं क्रूरतम अपराध माना और बहू को फांसी को सजा-ए-मौत की सजा दे दी.
रीवा जिले में 30 साल बाद किसी कैदी को दी जाएगी सजा-ए-मौत
30 साल पूर्व रीवा सेंट्रल जेल में 90 के दशक में जेलर की नाबालिग बेटी को दुष्कर्म के बाद पानी की टंकी में डुबोने वाले दोषी को आखिरी बार फांसी की सजा दी गई थी. दोषी ठहराई गई बहू का पति प्रदेश में नौकरी करता है और घर में सास ससुर और बहू रहते थे, उनके साथ 2 साल का बेटा भी रहता था.
संपत्ति विवाद के चलते सास और बहू में बिल्कुल नहीं बनती थी
रिपोर्ट के मुताबिक संपति विवाद के चलते सास और बहू में अक्सर घरलू कलह होता था, लेकिन 12 जुलाई 2022 को जब घर में कोई नहीं था, तो सुबह 5:00 के आसपास कंचन ने अपनी सास सरोज पर दरांती से हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया और अंततः सास की उपचार के दौरान मौत हो गई.
सास की हत्या करने की साजिश रचने में दोषी बहू ने लिया था ससुर का नाम
मौके पर पहुंची पुलिस ने सरोज के पति बाल्मिक को भी आरोपी बनाया था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया गया. दरअसल, बहू ने इकबालिया बयान में सास की हत्या करने की साजिश रचने में ससुर का नाम लिया था. यही वजह थी कि जिस दिन सास की हत्या हुई उस दिन ससुर वाल्मिकी जबलपुर गया था.
कोर्ट ने सास की हत्या की सुनवाई करते हुए केस को रेयरेस्ट मर्डर करार दिया
चतुर्थ अपर न्यायालय का फैसला रीवा जिला न्यायालय की चतुर्थ अपर न्यायाधीश पदमा जाटव ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए इसे क्रूर हत्या माना. मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक एडवोकेट विकास द्विवेदी ने बताया 2 साल पुराना मामला था, जिसमें 50 साल की महिला की मौत हुई थी.
ये भी पढ़ें-होम लोन चुकाने के चक्कर में महिला ने डाउनलोड किया Online Game, 2 लाख हारी तो कर लिया सुसाइड