Congress Protest Harda: हरदा जिले में किसानों की गंभीर समस्याओं को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. हालत तब और तनावपूर्ण हो गए जब कलेक्टर ने ऑफिस के बाहर आने से मना कर दिया. इसके बाद टिमरनी विधायक खुद गेट पर चढ़ गए और अंदर घुसने की कोशिश की. कई कार्यकर्ता तो दंडवत होकर कलेक्टर से मिलने की मांग करने लगे.
पुलिस और कांग्रेसियों के बीच धक्का-मुक्की
जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, कलेक्ट्रेट परिसर पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भर गया. नारेबाजी तेज हुई और हल्की झड़प की स्थिति भी बनी. इसी बीच दोनों कांग्रेस विधायक अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और “रघुपति राघव राजा राम” का भजन गाने लगे, जिससे माहौल पूरी तरह आंदोलनकारी हो गया.
कलेक्टर से मिलने की जिद पर अड़े कांग्रेसी
तनाव की स्थिति को संभालने के लिए एडीएम पुरुषोत्तम कुमार और एसपी अमित कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे और वार्ता करने की कोशिश की. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि “जब तक कलेक्टर सामने नहीं आएंगे, उठेंगे नहीं.” भीड़ में हरदा विधायक डॉ. आरके दोगने, टिमरनी विधायक अभिजीत शाह और किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे.
किसानों की ‘सात सूत्रीय' मुख्य मांगें
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछले चार महीनों से जिले के किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. मक्का और सोयाबीन की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन न बीमा राशि मिली है न मुआवजा. उन्होंने जिले को प्राकृतिक आपदाग्रस्त घोषित करने और प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की राहत देने की मांग रखी.
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बिजली, बैंक वसूली और मंडी व्यवस्था पर विरोध
प्रदर्शनकारियों ने रबी सीजन की बुवाई से पहले बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने और बैंक की वसूली तुरंत रोकने की मांग की. साथ ही मंडियों में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खरीदे जाने का विरोध किया और नकद भुगतान व्यवस्था लागू करने की बात कही.
प्रशासनिक सर्वे और राहत व्यवस्था पर उठे सवाल
कांग्रेस ने जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे को गलत बताते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर पटवारी के माध्यम से क्रॉप कटिंग आधारित सर्वे की मांग की. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट सर्वे में भारी विसंगतियां हैं, जिसके कारण किसानों को मिलने वाला लाभ रुक रहा है.
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