Saurabh Sharma News: ग्वालियर (Gwalior) में परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) की करोड़ों की संपत्ति उजागर होने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. लोकायुक्त (Lokayukta) और आयकर विभाग(Income text Department) की कार्रवाई में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे व्यापम घोटाले (Vyapam Scam) से भी बड़ा बताया और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की.
साधारण आरक्षक कैसे बना धनकुबेर?
दरअसल, सात साल की नौकरी में सौरभ शर्मा ने अकूत संपत्ति अर्जित की, जो संदेह के घेरे में है. लोकायुक्त और IT की कार्रवाई में सौरभ शर्मा से अब तक करोड़ों रुपये की संपत्ति बरामद हो चुकी है और हर दिन एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि यह संभव नहीं है कि कोई साधारण आरक्षक इतने बड़े घोटाले का सूत्रधार हो. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के पीछे सत्ता के उच्च पदस्थ मंत्री, दलाल और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बिना उनके संरक्षण के सौरभ शर्मा जैसी स्थिति संभव नहीं है.
शिवराज सरकार पर तीखा हमला
डॉ. गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि घोटाले की जड़ें शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल से जुड़ी बताई. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में व्यापम घोटाले के बाद यह सबसे बड़ा घोटाला है. सत्ता में बैठे हुए लोगों ने इसे बढ़ावा दिया. उन्होंने गृह मंत्रालय और ईडी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई करने वाली ईडी इस मामले में खामोश क्यों है? आपको बता दें कि जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, तब डॉ. गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे.
स्वतंत्र जांच की मांग
उन्होंने इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड न्यायाधीश से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि डायरियों में दर्ज नामों की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब तक निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होगी, तब तक प्रदेश की जनता को इस घोटाले का सच नहीं पता चलेगा.
बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी पर तंज
भारतीय जनता पार्टी में चल रही संगठनात्मक खींचतान को लेकर भी डॉ. गोविंद सिंह ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी में सत्ता की लूट की लड़ाई मची हुई है. कौन अध्यक्ष बनेगा और कौन अधिक धन अर्जित करेगा, यह उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने ग्वालियर-चंबल संभाग सहित पूरे प्रदेश में बीजेपी की इसी स्थिति का जिक्र किया.
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पर सवाल
डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अलग-अलग कार्यक्रमों में उपस्थिति पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "दोनों एक साथ किसी कार्यक्रम में क्यों नहीं जाते? यह बीजेपी में गुटबाजी का साफ संकेत है.दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव सागर दौरे पर थे, वहीं, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर क्षत्रिय महासभा सम्मेलन शामिल होने पहुंचे हैं. इसी को लेकर उन्होंने तंज कसा.
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उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग का यह मामला व्यापम घोटाले से भी बड़ा साबित हो सकता है. सौरभ शर्मा की संपत्ति उजागर होने के बाद यह स्पष्ट है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं. लिहाजा, डॉ. गोविंद सिंह ने मांग है की है कि इस घोटाले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि प्रदेश की जनता को सच्चाई का पता चल सके.
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