
Global Investors Summit (GIS-2025): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य "औद्योगिक निवेश और रणनीतिक नवाचार के वैश्विक केंद्र" के रूप में उभर रहा है, और शहर में होने वाला ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-2025) न केवल अपने भव्य पैमाने बल्कि अपने नए औद्योगिक विजन के लिए भी चर्चा में है.
उन्होंने कहा कि अब तक केवल प्रशासन और संस्कृति के केंद्र के रूप में जाना जाने वाला भोपाल निवेश और व्यापार के लिए रुचि का नया वैश्विक केंद्र बनेगा. 24 फरवरी से शुरू होने वाले दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
पहली बार झीलों के शहर भोपाल में जीआईएस का आयोजन होने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल का आकर्षण और राज्य सरकार की आसान और पारदर्शी उद्योग-अनुकूल नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं.
‘पहली बार 20 से अधिक नीतियों को एक साथ प्रस्तुत कर रही है सरकार'
यादव ने कहा कि इस साल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को 'नीति-संचालित निवेश शिखर सम्मेलन' के नए मॉडल के साथ डिजाइन किया गया है. पहली बार सरकार 20 से अधिक नीतियों को एक साथ प्रस्तुत कर रही है, जिससे निवेशकों को हर क्षेत्र में स्पष्ट रणनीति और अवसरों की तस्वीर मिलेगी. उन्हें न केवल संभावनाओं का पता चलेगा, बल्कि सरकार की ठोस योजनाओं और तत्काल प्रभावी नीति समर्थन का आश्वासन भी मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईएस एक पारंपरिक सम्मेलन से आगे बढ़कर "केंद्रित निवेश चर्चा" का मंच बन जाएगा. आईटी, टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटोमोबाइल, ईवी और अक्षय ऊर्जा सहित प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग सत्र होंगे, जिसमें उद्योग जगत के नेताओं और सरकार के बीच सीधा संवाद और क्षेत्र-विशिष्ट समझौते होंगे.
यादव ने कहा कि पहली बार 'इंडस्ट्रियल एक्सपो' और 'मेक इन एमपी' को समिट में जोड़ा गया है, जहां राज्य की औद्योगिक ताकत, विनिर्माण क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी स्थिति को प्रस्तुत किया जाएगा. जीआईएस-2025 एक 'जीरो वेस्ट' समिट होगा, उन्होंने कहा कि आयोजन स्थल पर केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाएगा. ये वाहन 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होंगे और पूरे समिट में पेपरलेस संचालन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इंटरेक्शन और डिजिटल तकनीक शामिल होगी.
‘भोपाल पहली बार औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान हासिल करेगा'
मुख्यमंत्री ने कहा. भोपाल पहली बार औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान हासिल करेगा. उन्होंने कहा. यादव ने कहा, "यह आयोजन राज्य की नई औद्योगिक यात्रा की आधारशिला साबित होगा. यह समिट न केवल बड़े निवेशकों के लिए बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और स्टार्टअप के लिए भी बड़ा अवसर लेकर आ रहा है." उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्यमों को वैश्विक निवेशकों और तकनीकी भागीदारों से जोड़ने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उनके विस्तार की सुविधा प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी के आसपास के औद्योगिक क्षेत्र जैसे मंडीदीप, गोविंदपुरा, बगरोदा, पीलूखेड़ी और अन्य औद्योगिक केंद्र नए निवेश, नई तकनीक और शिखर सम्मेलन से होने वाले वैश्विक गठजोड़ से लाभान्वित होंगे. जीआईएस-2025 न केवल निवेश के लिए बल्कि युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने का भी एक मंच होगा. आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
‘बदलाव की मजबूत नींव रखने जा रहा जीआईएस-2025'
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मध्य प्रदेश अब सिर्फ 'संभावनाओं का राज्य' नहीं रह गया है, बल्कि 'औद्योगिक क्रांति का अगला केंद्र' बन गया है. उन्होंने कहा कि जीआईएस 2025 के जरिए राज्य की आर्थिक मजबूती, नीति-संवर्धित औद्योगिक मॉडल और वैश्विक निवेश के प्रति प्रतिबद्धता को पूरी दुनिया के सामने पेश किया जाएगा. भोपाल अब सिर्फ मध्य प्रदेश की राजधानी नहीं है, बल्कि भारत के नए औद्योगिक भविष्य का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है. अधिकारी ने कहा कि जीआईएस-2025 इस बदलाव की मजबूत नींव रखने जा रहा है.
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