MP Government Bulldozer Action: छतरपुर कोतवाली थाने पर पत्थरबाजी मामले में गिरफ्तार आरोपी के घर पर हुई बुलडोजर कार्रवाई से बिफरे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मध्य प्रदेश सरकार निशाना साधा है. ओवैसी ने आरोपी के घर को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई को राज्य प्रायोजित सांप्रदायिकता करार दिया है.
थाने में पत्थरबाजी मा्मले में आरोपी के घऱ पर चला बुलडोजर
बीते गुरुवार को छतरपुर कोतवाली थाने में पत्थरबाजी मामले में गिरफ्तार एक आरोपी शहजाद अली का घर का जिला प्रशासन द्वारा बुलडोजर से ढहा दिया गया था. दरअसल, इस्लाम विरोधी कथित टिप्पणी से उपजे विवाद के बाद थाने पर पहुंची भीडृ नेथाने पर पत्थराबाजी शुरू कर दी थी, जिसमें थाना प्रभारी समेत 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
कथित इस्लाम विरोधी बयान से हिंसक हुआ मुस्लिमों का प्रदर्शन
गौरतलब है संत रामगिरी महाराज द्वारा की गई कथित इस्लाम विरोधी टिप्पणी के खिलाफ लामबंद हुआ मुस्लिम समुदाय कोतवाली थाने में शिकायत लेकर पहुंचा था, लेकिन देखते ही देखते भारी संख्या में थाने पर पहुंचे मुस्लिम समुदाय का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. भीड़ ने पथराव कर वाहनों को नुकसान पहुंचाया, जिसमें 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
कथित पत्थरबाज का घर गिराने से नाराज हुए असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों पर पथराव और थाने पर पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार शहजाद अली के घर को ढहाए जाने की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि, जब एक प्रतिनिधिमंडल (रामगिरी महाराज द्वारा) इस्लाम विरोधी टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन सौंप रहा था, तब पथराव किया गया.
'सरकार कानून से चलती है, घर गिराना प्रायोजित सांप्रदायिकता है'
ओवैसी ने पूछा कि, क्या अली के घर को गिराने से पहले उसे नोटिस दिया गया था? हैदराबाद सांसद ने दावा किया कि छतरपुर पुलिस ने कुछ आरोपियों की परेड कराई और उन्हें नारे लगाने के लिए मजबूर किया. ओवैसी ने आगे कहा, सरकार कानून से चलती है, न कि भीड़ तंत्र से. वहां जो हुआ वो भीड़ तंत्र का प्रदर्शन था.
करीब 500 के लोग थाने पहुंचे थे, जिनके हाथों में चाकू और डंडे थे
ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान का सम्मान करने का नाटक करते हैं, क्योंकि भाजपा सरकारें इसका उल्लंघन कर रही हैं. उन्होंने दोहराते हुए कहा कि, आरोपी के घर को गिराना प्रायोजित सांप्रदायिकता है. मालूम हो, थाने पर करीब 500 से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे थे, जिनके हाथों में चाकू और डंडे थे.