
Chhatarpur Loot Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले के थाना गौरिहार क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गहबरा सिचहरी रोड पर फरियादी हिटाची कंपनी एटीएम फ्रेंचाइजी संचालक मनीष की रिपोर्ट पर थाना गौरिहार में लूट का अपराध दर्ज किया गया था. घटना की गंभीरता को देखते हुए आसपास के क्षेत्र में नाकाबंदी की गई थी. पुलिस टीम और साइबर टीम ने तकनीकी एवं भौतिक साक्ष्य जमा किए. इस दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इनके पास से 70 लाख रुपये की संपत्ति जब्त भी की गई है. पुलिस ने इनमें से एक पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
क्या है पूरा मामला?
पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन हिमानी खन्ना ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस उपमहानिरीक्षक छतरपुर रेंज ललित शाक्यवार, एसपी छतरपुर अगम जैन ने घटनास्थल पर पहुंच कर सुपरविजन किया. इसके बाद महोबा पुलिस से भी समन्वय बनाया गया. पुलिस टीम को एकत्रित तकनीकी एवं भौतिक सबूत, चक्षु दर्शी के अनुसार कुछ तथ्य स्पष्ट हुए. संदेही के बैंक डिटेल खंगाले गए और बैकग्राउंड भी चेक कर तथ्यों की बारीकी से जांच की गई. संदेही मनीष का पूर्व से इंडिया वन एटीएम फ्रेंचाइजी से 17 लाख रुपये का लेनदेन का विवाद था. 53 लाख के करीब कर्ज था. इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से फ्रेंचाइजी संचालक मनीष एवं उसके भाई पुष्पेंद्र अहिरवार ने मिलकर लूट की घटना का षड्यंत्र रचा था.
ऐसा लूटे थे पैसे
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, घटना के एक दिन पहले विभिन्न क्षेत्र की एटीएम मशीनों में पैसे भरने के लिए महोबा की एक्सिस बैंक से पैसे निकाले गए थे. 61 लाख से अधिक राशि लेकर कार से कस्टोडियन के साथ एटीएम में पैसे भरने जा रहे थे. तभी, बाइक पर सवार प्रदीप और रवि ने कार का पीछा करते हुए रुकवाई और कट्टा लगाकर पैसों से भरा बैग लेकर भाग गए.
ये भी पढ़ें :- फिर एक बार सुर्खियों में एमपी के इस जिले का चौराहा, दो एनएच को जोड़ने वाला मोड़ देता है हादसों को दावत
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने उक्त घटना को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर अभिरक्षा में लिया. मुख्य आरोपी मनीष सहित सभी के पास से लूटी गई राशि 61 लाख रुपए से अधिक, अवैध 315 बोर का देसी कट्टा, पांच मोबाइल फोन, कार, मोटरसाइकिल कुल संपत्ति करीब 70 लाख रुपये बरामद की गई है. आरोपी प्रदीप अहिरवार पर लूट चोरी दुष्कर्म जैसे पांच अपराध पहले से दर्ज हैं.
ये भी पढ़ें :- महाकाल मंदिर के दान पेटी ने उगला खजाना, सावन माह में भक्तों ने की इतने करोड़ रुपये की धन वर्षा