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Bulldozer Action: छतरपुर में गरजा बुलडोजर, SDM के आदेश पर ढहाए गए एक साथ 22 मकान

Bulldozers roar in Chhatarpur: राजस्व और रेलवे प्रशासन ने कई बार नोटिस के बाद जब ग्रामीणों द्वारा अपने मकान नहीं तोड़े गए तो पुलिस और आरपीएफ की मौजूदगी में बुलडोजर की मदद से उनके मकानों को गिरा दिया. संयुक्त कार्रवाई में बुलडोजर चलवा कर ग्रामीणों के कुल 22 मकानों पर जमींदोज किया गया.

Bulldozer Action: छतरपुर में गरजा बुलडोजर, SDM के आदेश पर ढहाए गए एक साथ 22 मकान
BULLDOZERS ROAR IN CHHATARPUR 22 HOUSES DEMOLISHED FOR RAILWAY LINE DOUBLING

Rail Line Doubling: छतरपुर जिले में गुरुवार को एसडीएम के आदेश के बाद एक साथ कुल 22 मकानों को जमींदोज कर दिया गया. मकानों के ध्वस्तीकरण का काम रेल लाइन के दोहरीकरण में आ रही बाधा के बाद किया गया. राजस्व और रेलवे की संयुक्त कार्रवाई में जिन मकानों को गिराया गया, उसका मुआवजा ग्रामीणों को पहले ही दिया जा चुका है. 

राजस्व और रेलवे प्रशासन ने कई बार नोटिस के बाद जब ग्रामीणों द्वारा अपने मकान नहीं तोड़े गए तो पुलिस और आरपीएफ की मौजूदगी में बुलडोजर की मदद से उनके मकानों को गिरा दिया. संयुक्त कार्रवाई में बुलडोजर चलवा कर ग्रामीणों के कुल 22 मकानों पर जमींदोज किया गया.

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रेल लाइन दोहरीकरण में बाधा बन रहे 35 मकानों को दिया गया था नोटिस

गौरतलब है हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर रेल लाइन के दौहरीकरण का काम चल रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मानिकपुर रेल लाइन के दोहरीकरण में ग्राम पंचायत सरसेड़ के चपरन गांव के 35 मकान बाधा बन रहे थे. दोहरीकरण में बाधक बन रहे मकानों के एवज में ग्रामीणों को मुआवजा भी दिया जा चुका था, इसके बावजूद मकान नहीं तोड़े जा रहे थे. 

मुआवजे के बाद भी मकान नहीं तोड़ रहे थे ग्रामीण फिर चला बुलडोजर

रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे लाइन के दोहरीकरण में बाधा बन रहे अपने मकानों का मुआवजा मिलने के बाद करीब 12 ग्रामीणों ने अपना मकान खुद तोड़ लिया था, जबकि 22 मकान जस के जस पड़े हुए थे. उन्हें कई बार नोटिस दिया गया और मकान नहीं टूटे तो राजस्व और रेलवे संयुक्तरूप से शेष बचे 22 मकानों को जमीदौज करने की कार्रवाई कर रही है .

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बताया जाता है कि ग्राम पंचायत सरसेड़ के चपरन गांव में मकानों के ध्वस्तीकरण का अभी भी काम जारी है. बुलडोजर के जरिए अभी करीब 12 मकानों को ध्वस्त किया जा चुका हैं, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बीच शेष बचे 10 मकानों को जमींदोज करने का काम बाकी है. 

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मकानों को जमींदोज किए बिना रेलवे लाइन की दोहरीकरण संभव नहीं

उल्लेखनीय है रेलवे लाइन की दोहरीकरण का कार्य सुचारू रूप से हो सकें, इसके लिए मकानों को जमींदोज करना जरूरी है. बडी़ बात यह है कि मुआवजा मिलने के बाद भी ग्रामीणों ने अपने मकानों को नहीं तोड़े और जब पुलिस बल के साथ प्रशासन उनके मकान ढहाने के लिए पहुंची तो ग्रामीण मकान तोड़ने का विरोध करने लगे.

ग्रामीणों का कहना है मकानों से सामान निकालने का समय नहीं दिया

ग्रामीणों के विरोध के बीच प्रशासन ने पुलिस और आरपीएफ की मदद से ग्रामीणों के मकान जेसीबी मशीन की मदद से गिरा दिए. जेसीबी मशीन के साथ पहुंची प्नशासन ने मकानों को ढहाने से पहले मकानों को खाली करने को कहा, उसके बाद मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें मकानों से सामान निकालने का भी समय नहीं दिया.

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