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Dangerous Dam: कभी भी ढह सकता है 100 साल पुराना आवदा डैम, दरार ने बढ़ाई धड़कन, दहशत में हैं ग्रामीण

Scindia Estate Dam: श्योपुर जिले के आवदा गांव में निर्मित करीब 100 साल से भी अधिक पुराने आवदा डेम में पड़ी दरार ने हर किसी को आशंका से भर दिया है. दरारों से हो रहे पानी के रिसाव से अनहोनी की आशंका के बावजूद डैम की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. 

Dangerous Dam: कभी भी ढह सकता है 100 साल पुराना आवदा डैम, दरार ने बढ़ाई धड़कन, दहशत में हैं ग्रामीण
SHEOPUR 100-YEAR-OLD AVADA DAM INCREASES HEART RATE OF VILLAGERS, MP

Dam In Danger: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित एक 100 साल पुराने में डैम में आए दरार से ग्रामीण दहशत में हैं. डैम में आए दरार से लगातार हो रहे पानी के रिसाव ने ग्रामीणों की धड़कन बढ़ा दी है, जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए हैं. लबालब पानी से भरे डैम की दीवारों में पड़ी दरार से पानी के रिसाव ने किसी भी अनहोनी की आशंका बढ़ा दी है.

श्योपुर जिले के आवदा गांव में निर्मित करीब 100 साल से भी अधिक पुराने आवदा डेम में पड़ी दरार ने हर किसी को आशंका से भर दिया है. दरारों से हो रहे पानी के रिसाव से अनहोनी की आशंका के बावजूद डैम की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. 

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डैम के दरारों से लगातार हो रहा पानी का रिसाव

रिपोर्ट के मुताबिक 100 पुराने आवदा डैम की दीवारों में पड़ी दरारो से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है.  बावजूद इसके अब तक जल संसाधन विभाग ने डैम की सुध तक नहीं ली है, जिससे डैम की दीवारों की दरारें लगातार बढ़ रही है. इससे आवदा गांव के साथ-साथ डैम के आसपास बसे करीब 6 दर्जन से ज्यादा गांवों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. 

डैम में दरार ने बढ़ाई ग्रामीणों की पैशानी पर बल

गौरतलब है करीब 42 फीट से भी ज्यादा गहरे और करीब 450 हैक्टेयर में फैले डैम के किनारे बसे 72 गांवों के लिए लाइफ लाइन कही जाने वाली आवदा डैम में पिछले 5 सालों से पड़ी दरारों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है. ग्रामीण हर पल खतरे के साए में दिन और रात काटते हुए जीने को मजबूर है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.

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ग्रामीण बताते हैं कि उनकी शिकायत के बावजूद जल संसाधन विभाग के आलाधिकारी डैम की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी डैम की मरम्मत के लिए हर साल निरीक्षण करने पहुंचते हैं, लेकिन डैम की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत नहीं करते हैं.

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डैम के निरीक्षण की सिर्फ होती है खानापूर्ति 

ग्रामीणों का आरोप है कि डैम की मरम्मत के लिए हर साल ग्वालियर और भोपाल से अफसर इंजीनियर्स की टीम के साथ गांव में निरीक्षण के लिए आती है, लेकिन डैम की मरम्मत नहीं की जा सकी है. जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार बजट का रोना रोते हुए सिर्फ निरीक्षण की खानापूर्ति कर लौट जाते है.

डेंजर हुआ सिंधिया रियासत काल का डैम

उल्लेखनीय है सालों से बजट के अभाव में सिंधिया रियासत कालीन आवदा डैम की मरम्मत नहीं हो पा रही है, जिससे डैम किनारे बसे ग्रामीण हर रोज खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं. माना जा रहा है कि अगर किसी दिन डैम में पड़ी दरारों से कोई अनहोनी होती है तो सैकड़ों ग्रामीणों की जान आफत में आ सकती है.

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