
मध्य प्रदेश में मंत्रियों की संख्या और नाम पर सहमति नहीं बन पाई है जिससे मध्य प्रदेश सरकार का कैबिनेट विस्तार आज टल सकता है. बताया जा रहा है कि काफी जद्दोजहद के बाद भी नामों पर सहमति नहीं बन पाई. राजेंद्र शुक्ल और गौरीशंकर बिसेन के नाम पर तो सभी राजी थे लेकिन बाकी के दो नामों को लेकर सहमति नहीं बन पाई. ये बैठक देर रात मुख्यमंत्री निवास में हुई थी. बैठक में मंत्रियों की संख्या और नाम को लेकर आपसी सहमति ना बन पाने के कारण फिर मंथन किया जायेगा.
सीएम को मिलाकर बन सकते हैं 35 मंत्री
मध्य प्रदेश में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर उम्मीद है कि मुख्यमंत्री चुनाव से पहले अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 35 मंत्री बन सकते हैं लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक 30 मंत्री ही हैं. यानी अभी चार मंत्रियों के पद खाली है लेकिन माना ये जा रहा है कि नए कैबिनेट विस्तार में केवल तीन लोगों को ही मंत्री बनने का मौका मिलेगा लेकिन अंतिम निर्णय तो शिवराज सिंह चौहान के हाथ में ही है.
विधानसभा के चुनावों में नहीं है अब ज्यादा समय
राज्य में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं जिससे भाजपा अपने जातिगत समीकरण और मजबूत करना चाहेगी और ये कैबिनेट विस्तार चुनाव से पहले अपने कमजोर समीकरणों को मजबूत करने का आखिरी मौका है. गृहमंत्री अमित शाह अभी ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में एक बैठक में आए थे जिसके बाद मध्य प्रदेश में सियासी सरगर्मी और भी तेज हो गई हैं. भाजपा ग्वालियर-चंबल को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर दिख रही है.
नहीं मिल पायेगा ज्यादा वक्त
वैसे जिन्हें भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जायेगी उन्हें काम करने के लिए केवल एक-दो महीने का वक्त ही मिल पायेगा.
क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को देखें तो रीवा संभाग से राजेंद्र शुक्ला, नक्सल प्रभावित बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन,
प्रीतम लोधी, राहुल लोधी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भाई जालम सिंह मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं. लेकिन फिलहाल तो मंत्री बनने के लिए कुछ और दिन का इंतजार करना पड़ सकता है.