Bhopal News: मध्य प्रदेश सरकार (MP Govt) ने मंगलवार को राजधानी भोपाल (Bhopal) के लिए बड़ा फैसला किया. मंत्रालय में मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) की अध्यक्षता में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस (BRTS) को हटाने का फैसला लिया गया. मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बीआरटीएस के कारण भोपाल में यातायात (Traffic in Bhopal) में हो रही दिक्कतों के लेकर चर्चा की गई. जिसके बाद करीब 15 साल पहले लागू हुई 'बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (BRTS) को स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर सर्वसम्मति से हटाने का फैसला किया गया. घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरने वाले बीआरटीएस के एक बड़े हिस्से को पहले ही हटा दिया गया था.
इस बैठक में मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, भोपाल की महापौर मालती राय, मुख्य सचिव वीरा राणा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, सचिव विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखबीर सिंह, कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा औक कलेक्टर आशीष सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
लेक कॉरीडोर के प्रस्ताव पर भी हुई चर्चा
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई. भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनमें मंत्रीगण और विधायकगण शामिल हैं, उनसे भी सुझाव लिए गए. बैठक में बीआरटीएस के अलग-अलग हिस्सों को कई फेज में हटाने और सड़क के समतलीकरण करने को लेकर सहमति बनी. इसके साथ ही राजधानी में सुगम यातायात के लिए विकास कार्यों और योजनाओं पर भी बातचीत हुई. बैठक में लोक निर्माण विभाग द्वारा लेक कॉरीडोर के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई.
बीआरटीएस की जगह बनेगा सेंट्रल रोड डिवाइडर
बैठक में बीआरटीएस की जगह सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने का फैसला किया गया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बीआरटीएस को हटाने से व्यस्त मार्गों पर यातायात का दबाव कम होगा. इसके साथ ही सभी इस बात पर भी सहमत हुए कि स्थानीय परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जाए और संपूर्ण यातायात को सुगम बनाया जाए. बैठक में बीआरटीएस के अलग-अलग हिस्सों में डेडिकेटेड कॉरिडोर और वाहनों की आवाजाही से संबंधित तथ्य भी रखे गए.
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