
BJP MLA Pannalal Shakya Statement : साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाने आए बीजेपी विधायक पन्नालाल शाक्य का दर्द छलक उठा.विधायक ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर भी चिंता जताई. विधायक ने कहा- आपने तो हमें अच्छे मतों से जिताकर भेज दिया. लेकिन यहां इलेक्टेड की तो कोई सुन ही नहीं रहा. सिलेक्टेड ऐसा हावी हो गया है कि खाम-ओ-खां की बात मान रहे हैं. जो कुछ नहीं है, उस खाम-ओ-खां की बात मानी जा रही है. ये क्या व्यवस्था कर रहे हैं? शाक्य के इस बयान के बाद उनकी पार्टी घिरती हुई दिख रही है.
दरअसल, विधायक शाक्य गुरुवार की सुबह पितृ स्मृति वन समिति द्वारा पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित साइकिल रैली के आयोजन में शामिल होने आए थे. लेकिन यहां उन्होंने जो बयान दिया है उससे अपनी ही पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा दिया.
विधायक ने सार्वजनिक रूप से अपना दर्द बयां किया
इस दौरान विधायक का दर्द एक बार फिर खुलकर सामने आया. कुछ दिन पहले भी उन्होंने इसी तरह अपनी सुनवाई न होने की शिकायत की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'हमें आपने बुलाया, इसके लिए हम आपके आभारी हैं और सबसे बड़े आभारी तो इस बात से है कि हमारी जीत जो हुई थी, वो आप लोगों की वजह से हुई थी. वरना कुछ लोग तो बहुत जोर से कटाई कर रहे थे, अंदर ही अंदर और अब भी कर रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है, इस तरह विधायक ने सार्वजनिक रूप से अपना दर्द बयां किया हो. इससे पहले हरिपुर ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा हरिपुर को नगर निगम में शामिल न करने की मांग उठाने पर भी विधायक ने अपना दुख जताया था.
'हमने रिंग रोड की मांग की, वो भी खटाई में गई'
नगर निगम को लेकर विधायक का दुख फिर से छलक आया. उन्होंने कहा कि हमने मांग रखी थी कि गुना के 10 किमी के अंदर का एरिया नगर निगम में ले लिया जाए. तो उसमें लगा रहे हैं, अपनी-अपनी तुकबंदी. अब हर पंचायत मांग कर रही है कि हमें नगर निगम में मत लो. इसके अलावा अन्य मांगों पर भी उन्होंने सुनवाई न होने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमने रिंग रोड की मांग की, वो भी खटाई में गई.
हमने मांग रखी थी एक सेतु बना दिया जाए, विवेक कॉलोनी से लेकर बायपास रोड तक, उसकी अब तक कहीं चर्चा हुई नहीं है. तात्या टोपे यूनिवर्सिटी को ठीक जगह पर स्थापित करने की मांग पर भी पलीता लग गया.
'हम अंदर से कितने सजग हैं?'
विधायक ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर बल दिया. उन्होंने कहा कि व्योमिका सिंह और सोफिया कुरैशी जैसी बहादुर बेटियों की अपने घरों में चर्चा करें. अपनी बेटियों को बताएं और बेटियों से कहें लव जिहाद में न फंसे. बार्डर पर तो हमारी सेनाएं निपट लेंगी पर हम अंदर से कितने सजग हैं? सीमा सुरक्षित है, वो तो ठीक है, लेकिन अंदर-अंदर अगर हमारी सुरंगे लग गईं, पोल खोल दी तो हम देश को संभाल नहीं पाएंगे.
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'ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत जरूरी है'
पर्यावरण के प्रति सजग हो तो समाज के उस बिंदु पर भी सजग रहो कि अंदर कुछ गड़बड़ ना हो जाए. दूसरी बात विधायक ने ज्योति मल्होत्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि ज्योति मल्होत्रा का नाम ध्यान है कि नहीं, वो क्या कर ही थी? देश की सभी प्रकार की खुफिया जानकारी दुश्मन को दे रही थी, फोटो बेच रही हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत जरूरी है. पर्यावरण में तो हम जो कुछ कर लें, ठीक है, एक पौधा लगा लें या दो पौधे लगा लें या ना लगाएं, तो भी कोई बात नहीं है. लेकिन जब देश सुरक्षित रहेगा, तो समाज सुरक्षित रहेगा. लेकिन अगर अंदर से देश सुरक्षित नहीं है तो ये पर्यावरण दिवस रोज मनाओ, साईकिल रैली करो, चाहे दौड़ लगाओ, तो कुछ नहीं होने वाला.
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