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अपने ही मंत्री पर फट पड़े BJP विधायक, पूछा- अफसरों की बात मानेंगे या हमारी? अपमानित तो न करें

मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के बाहर कांग्रेस, तो सदन के अंदर खुद सत्तापक्ष के वरिष्ठ विधायक ने सरकार को घेर लिया. दरअसल पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने एक निजी स्कूल में हुई घटना को लेकर सवाल पूछा था लेकिन शिक्षा मंत्री के जवाब से वे असंतुष्ट दिखे. जिसे लेकर उन्होंने तल्ख लहजे में सरकार को घेर लिया. क्या है पूरा मामला पढ़िए इस रिपोर्ट में

अपने ही मंत्री पर फट पड़े BJP विधायक, पूछा- अफसरों की बात मानेंगे या हमारी? अपमानित तो न करें

MP Assembly, Winter Session: मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का हंगामेदार आगाज हुआ. सदन के अंदर हंगामा करने के बाद कांग्रेस ने सरकार को बाहर भी घेरा तो दूसरी तरफ सदन के अंदर सरकार के लिए असहज स्थिति तब खड़ी हो गई जब सत्तापक्ष के वरिष्ठ विधायक ने अपनी ही सरकार को घेर लिया. बाद में संबंधित मंत्री के साथ विधायक की बैठक विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में हुई तब जाकर मामला सुलझने का दावा किया गया. 
    विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर हंगामा करते हुए वॉकआउट कर दिया. इसके बाद सदन में सिर्फ बीजेपी विधायकों की मौजूदगी में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया. इसी दौरान वरिष्ठ बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के तेवर बेहद तल्ख दिखे.उन्होंने सदन में सागर के एक स्कूल में बच्चे के यौन शौषण का मुद्दा उठाया और राज्य में संचालित निजी स्कूलों को लेकर सरकार को घेरा. . उन्होंने कहा कि सदन में उनके सवाल को ही झूठा बताकर विधायकों का अपमान किया जा रहा है. भूपेन्द्र सिंह ने आगे कहा- मैं स्कूल शिक्षा मंत्री से क्षमा चाहूंगा लेकिन साथ ही ये निवेदन भी करना चाहूंगा कि मैं क्षेत्र का विधायक हूं. यदि अधिकारी ये लिख कर देते हैं कि जनता में कोई नाराजगी नहीं है तो फिर मंत्री मेरी बात की जगह अधिकारियों की बात क्यों मान रहे हैं. मंत्री जी के बयान से लगता है कि मैं झूठ बोल रहा हूं. मंत्री जी को सदन में जवाब देने से पहले फैक्ट को चेक कर लेना चाहिए. मैं विधायक हूं तो मेरा अपमान न किया जाए. 

"उस स्कूल को तो एक घंटे में ठीक कर दूंगा"

विधानसभा में भूपेन्द्र सिंह के तेवर तल्ख दिखे. उन्होंने कहा कि जिस स्कूल को लेकर मैंने सवाल किया है वो इतना बड़ा नहीं है. उसे तो मैं एक घंटे में ठीक कर सकता हूं. लेकिन यही स्थिति पूरे प्रदेश में है. मेरी कोशिश इसी पर सरकार का ध्यान दिलाने की है ताकि पूरे प्रदेश को लेकर सरकार एक नीति बनाए. 

विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में सुलझा विवाद !

भूपेन्द्र सिंह के सवाल के जवाब में स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा "प्रदेश में संचालित निजी स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर हो, इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया गया है." बाद में पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह और स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के कमरे में मुलाकात की. मुलाकात के बाद एनडीटीवी के सवाल के जवाब में राव उदयप्रताप सिंह ने कहा विधानसभा अध्यक्ष की सहमति से विस्तार पूर्वक जवाब दिया गया है और हमारे माननीय सदस्य भी उससे सहमत हैं. बैठक के बाद सब संतुष्ट होकर गए मैं यही आपसे कह सकता हूं.

पहले दिन पूछे गए सिर्फ 2 सवाल

बता दें कि इससे पहले शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार किसानों पर, खाद संकट पर बात करना चाहते थे लेकिन उसी दौरान संसदीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने याद दिलाया कि आज के ही दिन भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई थी.इसके बाद कांग्रेस ने हंगामा करते हुए ये कहकर वॉकआउट कर दिया कि सरकार किसानों पर चर्चा नहीं कराना चाहती. सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में सिर्फ 2 ही सवाल पूछे जा सके, ध्यानाकर्षण के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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