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MP में अब पढ़ाई के बीच विषय बदल सकेंगे छात्र, 3 जिलों में खुलेंगी नई यूनिवर्सिटी

Inder Singh Parmar: मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ी घोषणा की है. अब राज्य में छात्र पढ़ाई के बीच में अपने विषय बदल सकेंगे. साथ ही गुना, खरगोन और सागर में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी.

MP में अब पढ़ाई के बीच विषय बदल सकेंगे छात्र, 3 जिलों में खुलेंगी नई यूनिवर्सिटी

 MP Education News:मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया. मंत्री परमार ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत अब मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों को विषयों के चयन में पूरी आजादी मिलेगी, जहां वे अपनी इच्छा से विषय चुन सकेंगे और जरूरत पड़ने पर पढ़ाई के बीच में भी उन्हें बदल भी सकेंगे. शिक्षा के विस्तार को लेकर उन्होंने घोषणा की कि गुना, खरगोन और सागर में तीन नए विश्वविद्यालयों का निर्माण किया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि 2003 के बाद से भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को 'बीमारू' राज्य की श्रेणी से बाहर निकालकर विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

नई शिक्षा नीति और बुनियादी ढांचे का विस्तार

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बना है. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए न केवल पाठ्यक्रम को बेहतर बनाया जा रहा है, बल्कि बुनियादी ढांचे पर भी निवेश बढ़ाया गया है. प्रदेश के हर जिले में कुल 55 महाविद्यालयों को 'प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस' के रूप में उन्नत किया गया है, जिसके लिए 336 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. वर्तमान में प्रदेश के शासकीय और निजी महाविद्यालयों में 16 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जो राज्य की बदलती शैक्षणिक तस्वीर का प्रमाण है.

68 महाविद्यालयों में अब AI की पढ़ाई

उच्च शिक्षा को आधुनिक समय की मांग के अनुसार ढालने के लिए सरकार ने कई तकनीकी बदलाव किए हैं. मंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश के 68 महाविद्यालयों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए 6 शासकीय और 17 स्वशासी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर कृषि पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है. तकनीकी शिक्षा के प्रति बढ़ते रुझान का ही परिणाम है कि सत्र 2025-26 में शासकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों के नामांकन में 21.38 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई है.

750 करोड़ की सहायता राशि दी

मंत्री परमार ने सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं का डेटा साझा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 78,218 लाभार्थियों के खाते में 750 करोड़ रुपये की सहायता राशि पहुंचाई गई है. साथ ही मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के जरिए भी हजारों छात्रों को आर्थिक लाभ दिया गया है. एक विशेष पहल के तहत भोपाल और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों की 50 मेधावी छात्राओं को उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए मैनिट (MANIT) भेजा गया है. सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 10वीं के बाद किए जाने वाले 3 साल के डिप्लोमा कोर्स को अब 12वीं कक्षा के समकक्ष मान्यता प्रदान कर दी है.

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