Naxals In Chhattisgarh: 2025 छत्तसीगढ़ को नक्सल फ्रंट पर एक बेहद कामयाब वर्ष के रूप में हमेशा याद किया जाएगा. 2025 में छत्तसीगढ़ पुलिस ने केंद्रीय बलों के साथ मिलकर नक्सलियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, नतीजतन छत्तीसगढ़ से लाल आतंक का सूर्य अस्त होने के कगार पर पहुंच गया है. इस बीच बीजापुर पुलिस ने डाटा जारी किया है. जारी डाटा के अनुसार, नक्सलियों के खिलाफ अबतक की कार्रवाई में बीजापुर पुलिस के लिए सबसे सफल साल 2025 रहा.
बीजापुर में मारे गए 163 नक्सली
बीजापुर पुलिस के मुताबिक, साल 2025 में अब तक बीजापुर जिले में 163 नक्सली एनकाउंटर में मारे गए, 635 माओवादियों ने हथियार डाल दिए और 598 को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया. वहीं 263 बड़े-छोटे हथियार बरामद किए गए. इसके अलावा जिले के अंदरूनी इलाकों में 12 नये सुरक्षा कैम्प लगाए गए. बता दें कि इस साल बीजापुर में कुछ 57 मेठभेड़ नक्सलियों और जवानों के बीच हुई है.
लाल आतंक के अंत में इन जवानों का अहम योगदान
बीजापुर क्षेत्र में तैनात डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, कोबरा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल का अहम योगदान रहा.
इन ऑपरेशन के तहत अंत के कगार पर लाल आतंक
ऑपरेशन ब्लैक फारेस्ट कर्रेगुट्टा,ऑपरेशन अन्नापुर, ऑपरेशन कचिलवार, ऑपरेशन टेकामेटा, ऑपरेशन अर्रा थाना गंगालूर, ऑपरेशन कंदुलनार कचरालम सालभर में नक्सलियों के खिलाफ चलाया गया.

छत्तीसगढ़ में अपने चरम पर था नक्सलवाद
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के सफाए में एनकाउंटर का बहुत बड़ा हाथ रहा है. साल 2000 से 2021 के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपने चरम पर था. 2010 का दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर हमले, 2013 का झीरम घाटी हमला, 2014 का सुकमा और दंतेवाड़ा हमला, 2017 का बुर्कापाल हमला, 2018 का सुकमा हमले जैसे बड़े नरसंहार हुए. इन हमलों में 100 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.
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