Quack Doctor News: एक तरफ मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government) ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त अभियान चला रखा है तो दूसरी तरफ BJP के ही विधायक ने सरकारी आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बालाघाट जिले के लांजी से विधायक राजकुमार कर्राहे (Rajkumar Karrahe) ने न सिर्फ सरकार के इस फैसले को गलत बताया है बल्कि ये चेतावनी भी दे दी है कि ऐसे लोगों पर छापामार कार्रवाई हुई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा. इसके परिणाम भुगतने होंगे. हालांकि राजकुमार कर्राहे ने ये भी साफ किया कि वे सरकार के खिलाफ नहीं जनहित में यह बात कह रहे हैं.
बालाघाट में भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में है. एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ प्रदीप गेडाम और टीम ने विशेषज्ञ पैथालॉजिस्ट के बिना चल रही दो पैथोलॉजी लैब और बिना अनुमति ऐलोपैथिक दवा लिख रहे दो क्लिनिक को नोटिस जारी कर दिया है. इसी नोटिस के बाद गांवों में प्रैक्टिस कर रहे ऐसे 100 डॉक्टर और पैथोलॉजिस्ट मंगलवार को विधायक कर्राहे के निवास पर पहुंचे. उन्होंने विधायक से अपनी परेशानी बताई और कार्रवाई पर रोक लगवाने की मांग की. <
झोलाछाप डॉक्टरों पर एक्शन हुआ तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा - BJP के लांजी से विधायक राजकुमार कर्राहे ने खोला अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा#MadhyaPradesh #Balaghat #RajkumarKarrahe #doctors #bjp pic.twitter.com/8eaE4m9Dn1
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) July 30, 2024
जिसके बाद विधायक ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार के आदेश को वापस लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आप लोग खुलकर प्रैक्टिस करें. विधायक ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से बात कर आदेश को निरस्त करवाएंगे जनहित का मामला है प्रतिबंध लगाया तो स्थिति बिगड़ जाएगी. भाजपा विधायक ने कहा कि आप लोग गांव-गांव में लाखों जिंदगियां बचा रहे हैं. कोरोना काल में आपकी सेवा अद्भुत रही है. आपने विषम परिस्थिति से देश को बाहर निकालने का काम किया है.हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा कि किसी झोलाछाप इलाज करने वाले पर कार्रवाई न हो. इसके साथ ही विधायक कर्राहे ने झोलाछाप डॉक्टरों को सलाह भी दी. उन्होंने कहा- आप भी सावधानी से प्रैक्टिस करें. जिन लोगों को काफी समय गुजर गया, उन्हें तो कुछ नहीं कह रहा हूं लेकिन जो अभी नए हैं वो कहीं से डिग्री-डिप्लोमा लेकर आएं.
बता दे कि इससे पहले बीते 13 जुलाई को विधायक कर्राहे ने आउटसोर्सिंग के जरिए की जा रही सरकारी भर्तियों में धांधली का आरोप लगाया था.उन्होंने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि रोजगार पाने के लिए नौजवानों को रिश्वत देनी पड़ रही है. इतना ही नहीं, जब नौकरी मिल जाती है तो उसमें भी पूरी तनख्वाह नहीं देते. बतौर कमीशन हर महीने एक फिक्स रकम काटते रहते हैं.
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