BJP Candidate List 2024: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी संसदीय क्षेत्र (Sidhi Parliamentary Constituency) भाजपा (BJP) का गढ़ माना जाता है इस बार भाजपा ने लोकसभा क्षेत्र 11 सीधी से नए चेहरे के रूप में डॉक्टर राजेश मिश्रा (Dr. Rajesh Mishra) को अपना उम्मीदवार बनाया है अभी तक कयास लगाया जा रहा था पूर्व सांसद रीती पाठक, राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ,भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शीर्षकांत देव सिंह सहित अन्य नाम थे जिनकी चर्चा थी किंतु भाजपा ने कयासों के दौर में विराम लगाते हुए नए चेहरे के रूप में डॉक्टर राजेश मिश्रा के नाम का ऐलान कर दिया है .इसके बाद से उनके आवास पर बधाई शुभकामना देने वाले शुभचिंतकों कार्यकर्ताओं समर्थकों का तांता लगा हुआ है.
डॉ. राजेश मिश्रा इसलिए बनाए गए प्रत्याशी
सीधी संसदीय क्षेत्र की बात करें, तो यहां आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल है, जिसमें सीधी जिले की सीधी, सिहावल, चुरहट, धौहनी, सिंगरौली जिले की देवसर, चितरंगी, सिंगरौली और शहडोल जिले की एक विधानसभा क्षेत्र व्यवहारी शामिल है. यह लोकसभा क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ है. यहां से लगातार भाजपा को जीत मिल रही है. डॉ. राजेश मिश्रा पेशे से शासकीय डॉक्टर रहे हैं, जो बाद में राजनीति में शामिल हुए. जन सेवा का बीड़ा उठाकर पहले बसपा ज्वाइन किया, बसपा के टिकट पर सीधी विधानसभा से चुनाव भी लड़े लेकिन, जीत हासिल नहीं कर सके. इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली. भाजपा ज्वाइन करने के बाद लगातार सक्रिय राजनीति में रहे. संगठन के विभिन्न पदों पर रहते हुए लगातार कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं.
इन पदों पर रह चुके हैं डॉ. राजेश
सीधी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए गए डॉ. राजेश मिश्रा के संघर्ष की बात करें, तो पूर्व में डॉक्टर राजेश मिश्रा सीधी भाजपा जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने संगठन को काफी मजबूत करने का कार्य किया था. इसके अलावा, प्रदेश संगठन से जो भी दायित्व उन्हें मिला, उसे उन्होंने बखूबी निभाने का कार्य किया. इसके बाद पूर्व लोकसभा चुनाव में लोकसभा प्रभारी बनाया गया था, तब वह हर क्षेत्र में पहुंचने में सफल रहे थे.
मांग रहे थे विधानसभा की टिकट पार्टी ने लड़ा दिया लोकसभा
डॉ. राजेश मिश्रा राजनीति में कई वर्षों से सक्रिय हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सीधी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे. इसके लिए उन्होंने मजबूत दावेदारी पेश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, जिससे उन्होंने अपने पदीय दायित्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य से त्यागपत्र भी दिया था और नाराजगी भी जाहिर की थी. हालांकि, संयोग ऐसा बना कि अब लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया है. पार्टी के इस फैसले से वह काफी खुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि परिवार में कभी-कभी अनबन हो जाती है, लेकिन मेरा जीवन भाजपा के लिए समर्पित है.
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सीधी लोकसभा क्षेत्र का इतिहास
सीधी लोकसभा सीट शुरुआती दौर में सोशलिस्टों के कब्जे में थी. इसके बाद कांग्रेस ने यहां अपनी पैठ बनाई, तो यह सीट कांग्रेस की गढ़ बन गई. वर्ष 1962, 1967, 1980 से 84 और 1991 से 1996 तक कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में रही है. इसके बाद भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया. 1998 के बाद कांग्रेस के हाथ से जब ये सीट फिसली तो अब अब तक भाजपा के पाले में बनी हुई है. इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के कई दिग्गजों ने किस्मत आजमाया, लेकिन उन्हें करारी शिकस्त ही मिली. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल और भाई राव रण बहादुर सिंह भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं. इस संसदीय सीट पर भाजपा का भगवा रंग ऐसा चढ़ चुका है, जिसे देखकर कांग्रेस की यहां चिंता बढ़ी हुई है. 2007 के उपचुनाव को छोड़कर 1998 से 2004 तक भाजपा का कब्जा रहा. 2009 से लेकर 2019 तक लगातार तीन चुनाव जीतकर भाजपा हैट्रिक लगा चुकी है. खास बात तो यह है कि भाजपा का वोट प्रतिशत भी लगातार बढ़ा है. भाजपा गढ़ बन चुकी सीधी लोकसभा सीट में आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में कमजोर हाथ वाली कांग्रेस अब क्या रणनीति बनाती है यह तो आगे आने वाला समय ही बताएगा.