
Escaped from Drug Police Station: दुर्ग में मोहन नगर थाने में जो कारनामा हुआ है, उसने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. जरा सोचिए, थाना परिसर, गिरफ्त में कुख्यात तस्कर और पुलिस की मौजूदगी. सबकुछ एकदम कंट्रोल में दिख रहा था. लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जो किसी बॉलीवुड स्क्रिप्ट से कम नहीं. जिस गुरमीत सिंह को चिट्टा यानी हेरोइन का सरगना बताया जा रहा था, वही गुरमीत, कोर्ट में पेशी से ठीक पहले, थाने के भीतर से ऐसे गायब हो गया जैसे जादू की कोई ट्रिक हो.
“हीरोइन” की एंट्री और 'विलेन' फरार !
दरअसल, पुलिस ने एक दिन पहले ही ACCU टीम के साथ मिलकर 246 ग्राम चिट्टा यानी हेरोइन के साथ 6 आरोपियों को दबोचा था. पूछताछ के बाद जिस गुरमीत सिंह को मास्टरमाइंड बताया गया, उसे भी सलाखों के पीछे डाल दिया गया. सबकुछ पटरी पर लगता था. अदालत में पेशी की तैयारी हो रही थी. लेकिन ठीक इसी बीच कहानी में एंट्री हुई "हीरोइन" की– गुरमीत की गर्लफ्रेंड. वो स्कूटी पर सवार होकर थाने के गेट पर इंतज़ार कर रही थी. मानो किसी फिल्म का क्लाइमेक्स शूट हो रहा हो. गुरमीत ने मौके का फायदा उठाया, थाने से बाहर निकला और सीधे स्कूटी पर पीछे बैठ गया और दोनों फिल्मी अंदाज़ में फरार हो गए. पुलिसकर्मी बस तमाशबीन बने देखते रह गए.
पुलिस पर उठे ये गंभीर सवाल
ये तो जो हुआ वो हुआ ही लेकिन असली ड्रामा और पुलिस की कलाकारी देखिए. सबसे शर्मनाक पहलू ये है कि इस लापरवाही को छुपाने की पूरी कोशिश की गई. थाने से आरोपी भाग गया, लेकिन FIR में इस फरारी का ज़िक्र तक नहीं. प्रेस नोट में भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई. मानो गुरमीत सिंह हवा में विलीन हो गया हो और पुलिस को कुछ पता ही नहीं.
अब तक फरार है चिट्टा का सरगना
गुरमीत सिंह अब भी फरार है और पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि तलाश जारी है. लेकिन जनता पूछ रही है- तलाश जारी है या फिर ‘तलाश टाली जा रही है'? जब थाने की दहलीज़ से ही अपराधी स्कूटी पर बैठकर निकल जाए, तो सड़क पर आम आदमी की सुरक्षा का भरोसा किस पर टिका रहेगा? अब सोचने वाली बात यह है कि ये सिर्फ नाकामी है या फिर गहरी मिलीभगत का खेल?
ये भी पढ़ें: कॉलेज के प्रोफेसर सरताज खान ने छात्रा को भेजे अश्लील मैसेज...और फिर हो गया बवाल !