
Raja Murder Case: राजा रघुवंशी मर्डर (Raja Raghuvanshi Murder) में बड़ा उलटफेर सामने आया है. राजा रघुवंशी मर्डर केस में गिरफ्तार चार आरोपियों में दो आरोपी आकाश और आनंद पुलिस को दिए बयान से मुकर गए हैं. गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश गए दोनों आरोपियों ने राजा मर्डर केस में अपने अपराध कबूलने से मना कर दिया.
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क्या दो आरोपियों का मुकरना सोनम के लिए राहत लेकर आई है?
मामले पर मेघालय एसआईटी प्रमुख का कहना है कि उनके पास अभी भी दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त भौतिक साक्ष्य हैं. हालांकि दो आरोपियों के मुकरने को सोनम रघुवंशी के लिए राहत की तरह देखा जाने लगा है कि क्या अब सोनम बच जाएगी?
मजिस्ट्रेट के सामने बयान से पलटे दोनों आरोपी आकाश व आनंद
रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए गए राजा रघुवंशी मर्डर केस दो आरोपी क्रमशः आकाश और आनंद एसआईटी को दिए अपने बयान से पलट गए. उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने अपना अपराध कबूल करने से इनकार कर दिया हो. हालांकि एसआईटी का कहना है कि उनके खिलाफ आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत है.
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मजिस्ट्रेट कार्यवाही के लिए सिर्फ आकाश व आनंद को पेश किए गए
शिलांग पुलिस अधीक्षक और मेघालय एसआईटी प्रभारी हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने बताया कि मजिस्ट्रेट कार्यवाही के लिए गुरुवार को सिर्फ आकाश और आनंद को पेश किया गया, लेकिन दोनों आरोपियों ने चुप रहने के अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए बयान नहीं देने का फैसला किया.
मेघालय पुलिस बोली, चार्जशीट के लिए हमारे पास ठोस सबूत हैं
एक बयान में हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने कहा कि एसआईटी ने जांच की शुरुआत से ही पर्याप्त और ठोस भौतिक साक्ष्य एकत्र किए हैं, जो मजबूत और स्वीकार्य हैं. जबकि पुलिस के सामने कबूलनामे अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भौतिक साक्ष्य कानूनी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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पुलिस नहीं, सिर्फ मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज बयान ही कोर्ट में मान्य
उल्लेखनीय है बीएनएसएस के तहत धारा 180 के तहत दर्ज किए गए बयान जांच और जिरह के दौरान सहायक होते हैं, लेकिन केवल बीएनएसएस की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए बयान ही अदालत में महत्वपूर्ण साक्ष्य रखते हैं. हालांकि SIT वर्तमान में चल रही जांच के हिस्से के रूप में फोरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
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