Jabalpur High Court Verdict: आयकर विभाग (IT Department) की कार्रवाई के संबंध में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने बुधवार को एक अहम आदेश जारी किया है. जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर आईटी विभाग नकदी जब्त करने के लिए वारंट जारी करता है तो ट्रायल कोर्ट (Trial Court) उसकी सुपुर्दगी के आदेश जारी नहीं कर सकता. इस आदेश के साथ ही हाईकोर्ट (High Court) ने याचिका को खारिज कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला अक्टूबर 2020 का है. जहां जीआरपी जबलपुर ने पाटलिपुत्र लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थानाराम नाम के एक शख्स को 1.27 करोड़ रुपए नगद और 6 किलो से ज्यादा चांदी के जेवरातों के साथ गिरफ्तार किया था. बाद में अहमदाबाद की मेकटेक कंपनी ने यह दावा किया था कि उक्त व्यक्ति उनका कर्मचारी है और कारोबार के सिलसिले में यह रकम और जेवरात लेकर सफर कर रहा था. जिसके बाद रेलवे मजिस्ट्रेट की अदालत ने नकदी और जेवरात की सुपुर्दगी के आदेश जारी कर दिए थे.
वहीं दूसरी तरफ आईटी विभाग ने नकदी की जब्ती के लिए वारंट जारी किया था. इस मामले में सेशन कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए रेलवे मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर दिया था. इस फैसले को ही कंपनी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
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