
JP Hospital: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों का हाल क्या है, इसकी बानगी राजधानी भोपाल में स्थित जेपी हॉस्पिटल में देखा जा सकता है, जहां इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती मरीज तक के लिए बेसिक एयर कंडीशन उपलब्थ नहीं है. ऐसी हालत में आईसीयू में भर्ती मरीज भगवान भरोसे इलाज करवा रहे हैं.
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गर्मी में मरीज तप रहे हैं और प्रबंधन चैन की नींद सो रहा है
राजधानी में बढ़े पारे ने आईसीयू में भर्ती मरीजों का हाल बेहाल है, क्योंकि पिछले 6 महीने से खराब एयर कंडीशन का पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है. अस्पताल प्रबंधन का दर्शनशास्त्र कहता है कि गर्मी में तपकर ही स्वास्थ्य लाभ होता है, वरना पंखे और कूलर किस दिन काम आएंगे?
बदइंतजामी को लेकर मरीजों के चेहरे पर साफ़ दिखा गुस्सा
जेपी हॉस्पिटल में बदइंतजामी पर जब मरीजों के परिजनों से बात की गई तो गुस्सा उनके चेहरे पर साफ़ दिखा. कोई कह रहा था, “गर्मी से बेचैनी हो रही है, लेकिन कोई सुनता नहीं” तो कोई बोला, “पंखे भी नहीं चलते, मैनेजमेंट पूरी तरह फेल है.” वहां भर्ती लगभग सबकी एक ही मांग है, “थोड़ा ध्यान दे दीजिए साहब, ICU है ये, तपस्या का केंद्र नहीं.”
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अस्पताल के आईसीयू वार्ड में गर्मी से राहत के लिए कोई इंतजाम नहीं
स्वास्थ्य कर्मी सुखेन यादव ने बताया कि चोर आईसीयू वार्ड में लगे बिजली का तार काट ले गए. हमने सिविल सर्जन को बताया, तो कहा गया कि अब ठेकेदार आएगा, सामान मंगवाएंगे, फिर कुछ होगा. वहीं, आईसीयू में मौजूद कूलर में पानी नहीं आता, क्योंकि पाइपलाइन फटी है. फिलहाल, गर्मी से राहत के लिए अस्पताल में कोई इंतजाम नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री के बंगले में सेवा के लिए तैनात हैं पूरे 12 एयर कंडीशन
सवालों का जबाव जानने के लिए जब स्वास्थ्य मंत्री के बंगले पर एनडीटीवी की टीम पहुंची तो देखा कि मंत्री के बंगले पर एक नहीं कुल 12 एयर कंडीनशन सेवा में तैनात थे. मंत्री के बंगले पर टैक्सपेयर्स के पैसों से लगे एसी बताते हैं कि जनता के लिए के लिए सरकार कितना सोचती है. आईसीयू वार्ड में एसी नहीं हैं, तो समझा जा सकता है कि मरीजों का हालत क्या होगी.
अस्पतालों में बदइंतजामी का आलम, लेकिन बंगलों में बहती है ठंडी हवा
गौरतलब है राजधानी में सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी की कमोबेश सच्चाई यही है, जहां भगवान भरोसे मरीजों का इलाज होता है. कहते हैं स्वास्थ्य ही धन है, लेकिन सरकारी सिस्टम में स्वास्थ्य महकमा हमेशा कंगाल दिखता है. इसलिए कह सकते हैं कि ठंडी हवा चाहिए, तो मंत्री बनिए, क्योंकि ठंडी हवाएं सिर्फ मंत्रियों के बंगलों में बहती हैं.
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