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This Article is From Nov 21, 2023

कहीं भोपाल का भी न हो जाए दिल्ली जैसा हाल! 300 AQI में सांस ले रही सबसे स्वच्छ राजधानी

Bhopal Cleanest Capital : हवा में प्रदूषण के स्तर से अस्थमा के मरीज़ों को खासी परेशानी हो रही है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और सर्दी खांसी के मामले भी बढ़ रहे हैं.

कहीं भोपाल का भी न हो जाए दिल्ली जैसा हाल! 300 AQI में सांस ले रही सबसे स्वच्छ राजधानी
भोपाल की हवा में घुल रहा जहर

Bhopal AQI: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई शहरों को स्वच्छता के मामले में पूरे देश में सबसे आगे माना जाता है. आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) को सबसे स्वच्छ शहर और राजधानी भोपाल (Bhopal) को सबसे स्वच्छ राजधानी माना ज़रूर जाता है लेकिन सबसे स्वच्छ राजधानी भोपाल की हवा का स्तर (Air Quality) दिन पर दिन गिरता जा रहा है. शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार गिरावट हो रही है. शहर के कई इलाकों का AQI 300 के ऊपर पहुंच गया है. खराब होते एयर क्वालिटी इंडेक्स को देख कर लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब भोपाल की हवा भी दिल्ली (Delhi) की तरह बेहद प्रदूषित हो जाएगी.

पिछले कुछ दिनों से लगातार शहर में हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. 12 से 19 नवंबर तक AQI किस तरह बढ़ा आप यहां देख सकते हैं-

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अस्थमा के मरीजों का बुरा हाल

इरशाद खान पुराने भोपाल में रहते हैं. वह एक ऑटो ड्राइवर हैं. उनके घर में अस्थमा के दो मरीज़ हैं, उनकी पत्नी और छोटी बेटी. दोनों की तकलीफ ठंड में और बढ़ जाती है. इरशाद बताते हैं,

'मेरी बीवी और मेरी बेटी दोनों अस्थमा से पीड़ित हैं. हर हफ़्ते उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है क्योंकि कोई नई बीमारी आ जाती है. हज़ार रुपए का खर्चा होता है. ठंड बढ़ते ही परेशानी शुरू हो गई है. प्रदूषण जिस तरह से बढ़ रहा है, हमारे परिवार की परेशानी भी बढ़ती जा रही है.'

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300 के ऊपर पहुंचा AQI

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को झीलों का शहर कहते हैं लेकिन इस हरियाली के बीच भी शहर की हवा बिल्कुल साफ नहीं रह गई है. दीपावली के बाद से कई इलाकों का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 300 के ऊपर पहुंच चुका है. जानकार मानते हैं कि सांस लेने के योग्य शुद्ध हवा के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से कम होना चाहिए. लेकिन दोपहर में ही कई इलाकों का इंडेक्स 250 के ऊपर बना हुआ है. हवा की गुणवत्ता को देखते हुए प्रशासन भी फिक्रमंद है. राजधानी में अब तंदूर पर स्पॉट फाइन लग रहा है लेकिन खराब सड़क और दौड़ती गाड़ियां भी फिक्र बढ़ा रही हैं.

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क्या बोले भोपाल के कलेक्टर?

भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, 'हवा की स्थिति वाक़ई में भी काफ़ी ख़राब है. हम लगातार स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. तीन मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से ही हवा ख़राब होती है. एक, धूल की मात्रा जब ज़्यादा होती है. दूसरा, जब आसपास कहीं कचरा चलाया जाता है तो उससे भी असर पड़ता है. तीसरा, वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण भी इसमें बड़ा फैक्टर होता है. हम लोग तीनों दिशाओं में काम कर रहे हैं. प्रदूषण की जो चेकिंग होती है, हमारे 40 सेंटर है लेकिन या तो वहां ढंग से चेकिंग हो नहीं रही है या वे करवा नहीं पा रहे हैं. हमने प्राथमिकता के तौर पर कहा है कि कमर्शियल वाहनों की चेकिंग की जाए.'

हवा खराब होने से पैदा होती हैं बीमारियां

हवा में प्रदूषण के स्तर से अस्थमा के मरीज़ों को खासी परेशानी हो रही है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और सर्दी खांसी के मामले भी बढ़ रहे हैं. CMHO प्रभाकर तिवारी ने कहा,

'टेंपरेचर कम होना और एयर क्वालिटी का बिगाड़ना रेस्पिरेटरी डिसीज और अन्य बीमारियों को बुलाता है. इसमें अस्थमा भी शामिल है. इसके साथ ही निमोनिया के भी केस बढ़ते हैं. हवा ख़राब होने से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग बीमारियां पैदा होती हैं.'

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