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RTO Office Bhind: चपरासी के भरोसे आरटीओ ऑफिस भिंड, बाबू की सीट पर बैठ जारी कर रहा ड्राइविंग लाइसेंस 

RTO Office Bhind: भिंड आरटीओ ऑफिस में चपरासी पर पूरा कामकाज चलाने, बाबू की कुर्सी पर बैठकर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और अधिकारी के लगातार अनुपस्थित रहने का मामला सामने आया है. NDTV की पड़ताल में चपरासी ने खुद यह स्वीकार किया.

RTO Office Bhind: चपरासी के भरोसे आरटीओ ऑफिस भिंड, बाबू की सीट पर बैठ जारी कर रहा ड्राइविंग लाइसेंस 

RTO Office Bhind Madhya Pradesh:  मध्‍य प्रदेश के भिंड क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) एक बार फिर गंभीर विवादों में है. ज‍िला परिवहन अधिकारी निर्मल कुमरावत पर कार्यालय संचालन में भारी अनियमितताओं, पद का दुरुपयोग और नियमों की खुलेआम अनदेखी के आरोप लगे हैं. सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि अधिकारी ने अपने करीबी चपरासी विश्वप्रताप सिंह राजावत को पूरा कार्यालय चलाने की जिम्मेदारी सौंप रखी है.

ड्राइविंग लाइसेंस जारी

चपरासी विश्वप्रताप सिंह राजावत न केवल कर्मचारियों पर रौब झाड़ता है बल्कि अपनी आईडी बनाकर सरकारी कामकाज तक निपटा रहा है. उसके द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने जैसी जिम्मेदार और पूर्णतः गैर-कानूनी गतिविधियाँ किए जाने का आरोप है. जबकि विभाग में तीन-तीन बाबू पदस्थ हैं, फिर भी अधिकारी द्वारा चपरासी पर अनावश्यक मेहरबानी और पूरे दफ्तर की बागडोर थमा देना गंभीर सवाल खड़े करता है.

NDTV की पड़ताल में चपरासी ने खुद स्वीकारा-“मैं तो एक चपरासी हूँ”

NDTV टीम द्वारा मौके पर की गई पूछताछ में चपरासी ने खुद माना कि “यह मेरा काम नहीं है. मैं तो एक चपरासी हूँ.” उसने खुद स्वीकार कि ड्राईविंग लाइसेंस के फ़ोटो और सीएम हेल्पलाइन सहित सभी काम निपटा रहे है. साथ ही उसने यह भी कहा कि आईटीओ साहब कभी-कभी ऑफिस आते हैं, जिससे कार्यालय में अव्यवस्था और गंभीर अनियमितता की पुष्टि होती है. 

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डिप्टी कमिश्नर किरन शर्मा ने कहा-‘यह गलत है'

NDTV के सवालों पर डिप्टी कमिश्नर किरन शर्मा ने स्पष्ट कहा क‍ि “चपरासी को दफ्तर में बिठाकर जिम्मेदारी वाले काम-काज नहीं कराए जा सकते. यह गलत है. मामले की जानकारी लेते हैं.” उनकी यह प्रतिक्रिया इस पूरे प्रकरण की गंभीरता और विभागीय प्रणाली में खामियों की ओर संकेत करती है.

पुराना फर्जीवाड़ा फिर चर्चा में: टीकमगढ़ केस

निर्मल कुमरावत का नाम नया विवादों में नहीं है. साल 2021 में टीकमगढ़ जिले में रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस में बड़े फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ था. इस मामले में टीकमगढ़ देहात थाना में कुमरावत सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर के बाद उन्हें भिंड जिले में पदस्थ किया गया, जो उस समय भी सवालों के घेरे में था.

सस्पेंड भी हुए, फिर कोर्ट से स्टे लेकर वापस आए

फर्जीवाड़ा मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन विभाग की अपर सचिव आयुष जैन ने कुमरावत को निलंबित कर दिया था. लेकिन कुमरावत ने न्यायालय से स्टे लेकर सस्पेंशन हटवाया और दोबारा भिंड के जिला परिवहन अधिकारी के रूप में पद संभाल लिया. कुमरावत का इसी महीने दिसम्बर में रिटायरमेंट भी है.

दफ्तर पर ताला, अधिकारी गायब 

कई दिनों से कार्यालय में अधिकारी के गायब रहने से दफ्तर के बाहर ताला लटकने, चपरासी द्वारा फाइलों का संचालन, लाइसेंस संबंधित कामों के अटकने, जैसी शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. दूर-दराज से आने वाले नागरिकों को इसके कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जांच और कार्रवाई की मांग तेज

भिंड जिले में इस प्रकरण के सामने आने के बाद नागरिकों, वाहन चालकों और परिवहन विभाग की सेवाओं पर निर्भर लोगों में आक्रोश है. सबकी मांग है कि चपरासी से करवाए जा रहे संवेदनशील कामों की तत्काल जांच हो. अधिकारी पर की गई पिछली कार्रवाई की फाइलों की समीक्षा की जाए. विभाग में नियमित बाबुओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए. अधिकारी की लापरवाही और पद दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई की जाए. 

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