
मुलताई में किसान एक बार फिर आंदोलित है. किसानों की मांग है खेतों में सिंचाई के लिए पारस डोह डेम से नहर दो या फिर किसानों को ज़हर दो. मुलताई पहुंचे 35 गांव के एक हजार से ज्यादा किसानों की मांग है कि उन्हें पारसढोह एवं वर्धा बांध से नहर दी जाए यदि उन्हें नहर नहीं दे सकते तो उन्हें जहर दे दिया जाए. नहर के लिए आंदोलन कर किसानों का कहना है कि उन्हें जब तक कोई ठोस आश्वासन नही मिलता उनका आंदोलन जारी रहेगा.
मुलताई में मासोद, दाँतोरा, सावंगी, बायगाव, शिरडी, चकोरा, गेहूबरसा, चिखली,रैयतवाड़ी, इटावा, रायआमला, आष्ठा, बलेगाव, मीरापुर,तिवरखेड़,वण्डली सहित 35 गांव के किसान आंदोलन के लिए पहुंचे हैं.

गांव में नहर का आश्वासन दिए काफी वक्त गुजर गया. लेकिन किसानों को इंतजार खत्म नहीं हुआ.
आंदोलन कर रहे किसानों ने नया नारा दिया है "नहर दो या ज़हर दो." किसानों के मुताबिक गांव में पानी की कमी है. पानी नहीं होने से फसलें बराबर पैदा नहीं हो पाती है. बांध बनने से पहले उन्हें नेताओ ओर जिले के अधिकारियों ने भरोसा दिया था कि उनके गांव गांव तक नहर पहुंचाएंगे. जिसके बाद ही उन्होंने अपनी जमीन प्रशासन को सौप दी थी अब बांध बनने के बाद और सर्वे पूरा होने के बाद भी उन्हें नहर दी जा रही है.
किसानों ने एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में मांग ही है कि किसानों की मांग पर कोई ठोस निर्णय लिया जाये ओर उचित कार्यवाई की जाए, जिससे समस्या का हल निकल सके. किसानों ने चेतावनी भी दी है कि समाधान नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.