
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले की परसवाड़ा विधानसभा में बीते तीन साल से दुकानदार फुटपाथ पर दुकान लगाने को मजबूर है. दुकानदारों का कहना है कि पहले दुकानें पक्की थी. लेकिन, पंचायत ने एक दिन का नोटिस दिया और 22 दुकानों को एक साथ जमींदोज कर दिया. हालांकि, साथ ही आश्वासन दिया गया था कि 6 महीने के भीतर नए कॉम्पलेक्स (New Shopping Complex) बनाए जाएंगे और जिनकी दुकानें टूटी हैं, उन्हें प्राथमिकता देकर सौंप दिया जाएगा. अब इस बात को तीन साल बीत गए हैं, लेकिन आज तक दुकानदारों को कॉम्पलेक्स नहीं मिला है.

दुकानदारों के दुकान का काम तीन साल से अटका
सिमट गया मार्केट
फल विक्रेता प्रमोद बिठले ने बताया कि तीन साल पहले हमारी दुकान एक दिन की मोहलत की नोटिस पर तोड़ दी गई थी. अगले दिन तीन थानों की पुलिस बुलाई गई थी और हमारी दुकानें तोड़ दी गई. पहले दुकान में फल के अलावा अंडे, पान और बेकरी का सामान बेचा करते थे. लेकिन, दुकान टूट जाने से अब ठेले पर दुकान लगाने को मजबूर है. उनका कहना है कि परिवार में 6 लोग हैं. ऐसे में रोजी-रोटी छिन जाने से परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है.
कॉम्पलेक्स में फैली गंदगी
बालाघाट के कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए एजेंसी ग्राम परसवाड़ा को छोड़ ग्राम पंचायत खरपड़िया को एजेंसी बनाया गया. वहीं, कॉम्पलेक्स के दूसरे फ्लोर को ग्राम पंचायत परसवाड़ा को बनाया गया है. इसमें ग्राउंड फ्लोर के कॉम्पलेक्स बनकर तैयार हैं, लेकिन उनका वितरण अब तक नहीं किया गया. वहीं, ग्राम पंचायत परसवाड़ा अब तक ऊपर बन रहे कॉम्पलेक्स तैयार नहीं कर पाई है.
आसपास के लोगों की मानें, तो यहां पर गायें जमा हो जाती हैं और हर तरफ गोबर फैला हुआ है. वहीं, लोग अधूरे बने कॉम्पलेक्स में पेशाब और शौच करते हैं. साथ ही, यहां पर शराब की बोतलें टूटी हुई मिलती हैं. ऐसे में पंचायत की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं. वहीं, ऊपर बन रहे कॉम्पलेक्स में काम अधूरा पड़ा है. कई जगह सेंट्रिंग लगी हुई है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है.
फुटपाथ पर दुकान लगा रहे दुकानदार
जिनकी दुकानें टूटी थी, उनमें से कुछ दुकानदारों ने दुकान लगाना बंद कर दिया है और कुछ लोगों ने फुटपाथ पर ही दुकान लगा ली हैं. लेकिन, दुकानों के लगने से सड़क पर ट्रैफिक की समस्या बढ़ गई. साथ ही, स्थाई दुकान लगाने वालों के व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है. पहले के मुकाबले बिक्री भी कम हो गई है. अब व्यवसायी चाहते हैं कि जो कॉम्पलेक्स बन चुके हैं, उनमें जिनकी दुकानें तोड़ी गई हैं, उन दुकानदारों को कमरे मिले हैं.
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अधूरे कॉम्पलेक्स पर क्या बोले अधिकारी
इस मामले में जिम्मेदारों से उनका पक्ष जानने पहुंचा. इसमें जनपद पंचायत सीईओ डीआर ऊईके ने कहा कि उन्हें ज्वाइन किए ज्यादा समय नहीं हुआ है. वहीं, सरपंच गायत्री कुम्भरे का कहना है कि वह बीमार है. ऐसे में पंचायत सचिव महेश मरकाम बन चुके कॉम्पलेक्स का वितरण अगले महीने होगा.
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