आम लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च किया. लेकिन ये योजना भी घपले-घोटाले की जाल में फंसती नजर आ रही है. भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट में सामने आया है कि लाखों मरीजों का इलाज एक ही मोबाइल नंबर से कर दिया गया है. यहां तक की मृतकों का इलाज इस योजना के तहत करके करोड़ों का घपला किया गया है. कैग ने सितंबर 2018 से मार्च 2021 तक इस योजना का लेखा-जोखा दिया है. इस योजना को लेकर मध्यप्रदेश में भी कई सवाल उठे हैं.
राज्य की राजधानी में मौजूद जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल का ही उदाहरण ले तो इसकी बानगी समझ में आती है. इस अस्पताल में प्रदेश भर से हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि 20-3-2021 को यहां आष्युमान कार्ड पर 233 लोगों का इलाज हुआ. गौर करने करने वाली बात ये है कि ये अस्पताल ही 100 बिस्तरों वाला है. हालांकि इस मामले में अस्पताल की अपनी सफाई है. अस्पताल के महाप्रबंधक किशलय शर्मा के मुताबिक हम लोग कीमो लगाते हैं. जिसके लिए मरीजों को 2-3 घंटे के लिए भर्ती किया जाता है. आकंड़ों पर मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं. हमारे पास 99 प्रतिशत आष्युमान कार्डधारक हैं. अब कैग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य आयुष्मान भारत योजना की स्थिति को भी जान लेते हैं.
दरअसल गड़बड़ी तो रसूखदार लोग करते हैं और शिकार होते हैं गरीब लोग. मसलन मालवा छावनी इलाके में सैलून चलाने वाले सुरेन्द्र गहलोत का ही उदाहरण लेते हैं. उनकी पत्नी भावना पैंतीस साल की उम्र में कैंसर का शिकार हो गईं लेकिन इलाज के अभाव में उन्हें बचाया नहीं जा सका.
सुरेन्द्र गहलोत
दरअसल पूरे देश में आष्युमान योजना में 7 लाख से ज्यादा हितग्राहियों का फोन नंबर 9999999999 था. इसके अलावा डेढ़ लाख के करीब का मोबाइल नंबर 8888888888 था. जिसकी वजह कई जरूरत मंदों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मध्यप्रदेश में हुए घपले पुख्ता जवाब नहीं दे पाए.
प्रभुराम चौधरी
वैसे एक ही समय में कई अस्पतालों में एक ही मरीज के भर्ती होने का मामला सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं है. ऐसे सबसे ज्यादा मामले ऐसे सबसे ज्यादा मामले छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, केरल, और पंजाब जैसे राज्यों से भी आए हैं.