
Madhya Pradesh Hindi News: मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. विधायक के पीए ने एक स्वास्थ्य कर्मी के ट्रांसफर के लिए रिश्वत मांगी. मामला तब उजागर हुआ, जब गुना निवासी अंकित जाटव अशोकनगर विधायक हरिबाबू राय (Ashoknagar MLA Haribabu Rai) से मिला और निजी सहायक द्वारा ली गई रिश्वत के बारे में विधायक को बताया. उसने कहा कि उसकी बहन स्वास्थ्य विभाग में CHO के पद पर कार्यरत हैं. उनका ट्रांसफर गुना करवाने के लिए पीए मनोज नामदेव ने 50 हजार रुपये की मांग की. मनोज ने विवेक टॉकीज के पास बुलाकर पहले ही 30 हजार रुपये ले लिए थे.
इस लेनदेन की जनकारी जैसे ही विधायक हरिबाबू राय को मिली तो इन्होंने सीएचओ के भाई और रिश्वत लेने वाले पीए मनोज नामदेव को बुलाया, फिर पूछताछ की. पीए ने रिश्वत लेने से इनकार किया, लेकिन विधायक राय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पीए के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने पीए को वापस कर दिया.
सिर्फ 6 दिन ही रह पाया पीए
दरअसल, देखा जाए तो कांग्रेस विधायक के पास 23 मई तक कोई निजी सहायक नहीं रहा और 6 दिन पहले ही उनको अपने कार्यकाल में पहली बार पीए मिला था. मात्र 6 दिन में ही उसे रिश्वत लेने के मामले में अपने काम से लौटना पड़ा.
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