Madhya Pradesh cabinet expansion:मध्यप्रदेश में डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) सरकार ने आखिरकार 12 दिनों बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया. दिलचस्प ये है कि इस मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ नेताओं के साथ 17 ऐसे विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली है. मोहन मंत्रिमंडल में 18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 राज्य मंत्री हैं. मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान बीजेपी आलाकमान ने क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है. अहमय ये भी है कि इस मंत्रिमंडल में कैलाश विजयवर्गीय अकेले ऐसे शख्स हैं जो पहले तीन मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. इस रिपोर्ट में जान लेते हैं कि आखिर किस विधायक को मंत्रिमंडल में क्यों जगह मिली?
सबसे पहले बात कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की. जो फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं. वे 6 बार विधायक रह चुके हैं और मध्यप्रदेश में 12 सालों तक मंत्री रहे हैं. वरिष्ठ नेताओं में दूसरा बड़ा नाम है प्रह्लाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) का. वे पांच बार के सांसद रहे हैं और OBC का पड़ा चेहरा हैं.
मोदी और वाजपेयी सरकार में भी केन्द्र में मंत्री रह चुके हैं. इसी तरह से राकेश सिंह (Rakesh Singh) भी चार बार लोकसभा के सांसद रहे हैं और संघ के करीबी होने के साथ-साथ उन्हें मैनेजमेंट में भी माहिर माना जाता है.वरिष्ठ नेताओं में इसके बाद नाम आता है विश्वास सारंग का. वे कायस्थ समाज के बड़े नेता हैं और 4 बार विधायक रहने के अलावा शिवराज सिंह चौहान के भी करीबी माने जाते हैं.
इस मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को भी जगह मिली है. मसलन- तुलसीराम सिलावट,प्रद्युम्न सिंह तोमर और एदल सिंह कंषाना आदि.
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