सेवा भाव और मातृभूमि के प्रेम से ओतप्रोत भारतीय प्रवासियों का दल तीन दर्जन ऑटो रिक्शा (Autorickshaw Run Yatra of NRI) में सवार होकर चित्रकूट (Chitrakoot) से ग्वालियर (Gwalior) शहर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने लाल टिपारा गौशाला, कंपू स्थित मातृछाया और केदारपुर स्थित सेवाभारती के छात्रावास का अवलोकन किया. साथ ही संवाद के लिए ऑटो रिक्शा में सवार होकर ग्वालियर स्थित बाल भवन में पहुंचे. इन दौरान NRI ने उत्साह के साथ भारत माता की जय, जय हिंद और वंदेमातरम् के जयकारे लगाए. साथ ही यात्रा के दौरान अपने अनुभवों और भावनाओं को साझा किया.
हमारीं आत्मा भारत में बसती है
यात्रा के सबसे बुजुर्ग भरत भाई ने भावुक होकर बताया कि हमारे पूर्वज भारत से ही विदेश गए थे. हम भले ही विदेश में रहते हैं, लेकिन हमारी आत्मा भारत में ही बसती है. हम लोगों के जेहन में आया कि हम ऐसे लोग जो यूके, यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि में रहते हैं जिनमें से कइयों के पूर्वज यहां से गए थे, लेकिन आज की पीढ़ी का तो जन्म ही वहीं हुआ, लेकिन उनकी रंगों में खून तो हिंदुस्तानी है. ऐसे लोगों को अपने वतन ले जाया जाए.
ऐसे हुआ यात्री दल का चयन
भरत भाई ने बताया कि हमने नोटिस जारी किया कि 160 लोगों का दल भारत जाएगा और भारत में सेवा कार्य करेगा. उसके नियम बनाये, लेकिन 370 आवेदन आ गए. जिसके बाद उनका टेस्ट लिया और जो पास हुए उनको मेरिट से चुना गया. हम लोगों ने पहले बनारस में गंगा आरती की. फिर कटे फटे होठ बगैरह ठीक करने के लिए एक सर्जरी कैम्प आयोजित किया. इसके बाद हम सब रिक्शा रन के नाम से भारत की जड़ें देखने निकले.
उन्होंने बताया कि सबसे खास बात ये है कि ये ऑटो हम लोग ही चला रहे हैं. गांव में रुककर लोगों से संस्कृति और परंपराओं को जानना अच्छा लग रहा है. हम इस यात्रा के दौरान यहां की संस्कृति, गांव, ऐतिहासिक धरोहर और सेवा प्रकल्प का अवलोकन कर रहे हैं. आज ग्वालियर में भी हमने सेवा भावी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखा. गांव को देखकर हम अतीत में खो जाते हैं और महसूस करते हैं कि हमारे पूर्वज भी ऐसे ही रहते होंगे. हमारे दल में यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और केन्या के प्रवासी भारतीय शामिल हैं.
चित्रकूट में अस्पताल को दिया चार करोड़ का दान
इस दल के सदस्यों ने बताया कि यात्रा पूरी होने पर ये सभी ऑटो रिक्शा को जरूरतमंदों को भेंट करेंगे.
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ग्वालियर में हुआ संवाद कार्यक्रम
सभी NRI रिक्शा से ग्वालियर पहुंचे. इस दौरान उनलोगों का भव्य स्वागत किया गया. वहीं इनलोगों के लिए बाल भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में संभागायुक्त दीपक सिंह, सेवा इंटरनेशनल यूके संस्था के अध्यक्ष भरत भाई, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद शुक्ला, जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोअविनाश तिवारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर, दीनदयाल शोध संस्थान के अभय, ग्वालियर की प्रभारी जिलाधीश अंजू अरुण कुमार, सेवा गाथा के प्रांत संयोजक दिनेश चाकणकर, सेवा भारती के नवल किशोर शुक्ला, सेवा भारती इंटरनेशनल के मनीष टंडन, निगमायुक्त हर्ष सिंह, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल मौजूद रहे.
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सेवा भाव को संभागायुक्त ने सराहा, कहा-ये दीनबंधु हैं
ग्वालियर संभागायुक्त दीपक सिंह ने प्रवासी भारतीयों के सेवा कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ये दीनबंधु हैं, जो अपनी जड़ों से जुड़ कर निस्वार्थ भाव से आर्थिक मदद कर रहे हैं. उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संगीत नगरी ग्वालियर में 23 दिसंबर से शुरू होने वाले तानसेन संगीत समारोह में भाग लेने का आग्रह किया.
ऑटो रिक्शा से पहुंचेंगे भुज
भरत भाई ने बताया कि रिक्शा रन यात्रा शुक्रवार को ग्वालियर से राजस्थान के सवाई-माधोपुर पहुंचेगी. करीब 2000 हजार किलोमीटर दूरी तय कर 23 दिसंबर को कच्छ गुजरात पहुंचेंगे, जहां सभी 36 ऑटो रिक्शा को जरूरतमंदों को भेंट करेंगे ताकि वो इसे चलाकर अपनी रोजी रोटी चला सकें.
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