
Jabalpur GST Scam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने जबलपुर (Jabalpur) जिले में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए अब तक की जांच में ₹512 करोड़ की फर्जी इनवॉइस का और ₹130 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले का खुलासा किया है. इस हाईप्रोफाइल मामले में मास्टरमाइंड विनोद सहाय उर्फ एनके खरे को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर जबलपुर लाया गया है.
विनोद सहाय मूलतः जबलपुर के ग्राम टिबरी का निवासी है और वर्ष 2009 से फर्जी पहचान, नकली नाम जैसे नीलू सोनकर, एनके खरे के सहारे दर्जनों फर्जी कंपनियों के जरिए एक संगठित GST घोटाला चला रहा था. EOW की जांच में सामने आया है कि आरोपी ने 23 से अधिक फर्जी कंपनियों का संचालन किया, जिनके नाम पर बिना किसी वस्तु या सेवा की वास्तविक आपूर्ति के केवल कागजी व्यापार दिखाकर GST में भारी गड़बड़ी की गई.
कंपनी बनाकर करता था फर्जीवाड़ा
खास बात ये है कि आरोपी बाकायदा कंपनी बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था. जिन कंपनियों के नाम पर आरोपी ने फर्जीवाड़ा किया है, उन कंपनियों के नाम हैं जगदम्बा कोल कैरियर्स. इस कंपनी के नाम पर ₹59 करोड़ की फर्जी इनवॉइस, ₹18 करोड़ का ITC का फर्जीवाड़ा किया. आरोपी की दूसरी कंपनी थी महामाया ट्रेडर्स (कोरबा). इस कंपनी के नाम पर आरोपी ने ₹30 करोड़ की इनवॉइस और ₹8 करोड़ की ITC का फर्जीवाड़ा किया. वहीं, जेएमकेडी एनर्जी (नागपुर) के नाम पर ₹95 करोड़ की इनवॉइस और ₹21 करोड़ की ITC में फर्जीवाड़ा किया. इसके अलावा जेएमडीडी स्टील्स के नाम पर ₹80 करोड़ की इनवॉइस और ₹20 करोड़ की ITC का फर्जीवाड़ा किया. इस तरह यह 'नटवरलाल' को 512 करोड़ का चूना लगा दिया.
150 से अधिक बैंक खातों का करता था संचालन
इस 'नटवरलाल' से जुड़े अब तक 150 से अधिक बैंक खातों की पहचान हुई है, जिसे विनोद सहाय और उसके सहयोगियों ऑपरेट करते थे. इसके अलावा, आरोपी के घर से कई फर्जी दस्तावेज, जीएसटी बिल बुक्स, आधार-पैन कार्ड, ट्रांसपोर्ट रसीदें और डिजिटल पहचान प्रमाण जब्त किए गए हैं.
कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
इन लेनदेन का कोई वास्तविक स्टॉक, गोदाम या भौतिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पूरी तरह से Organized GST Scam Syndicate था. जबलपुर, नागपुर, बिलासपुर, कोरबा और रांची इसके प्रमुख नेटवर्क स्थल थे.
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EOW की कार्रवाई अभी जारी है. आरोपी को 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है. अधिकारियों का कहना है कि यह मध्य भारत का अब तक का सबसे बड़ा GST घोटाला हो सकता है.
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