Atal Bihari Vajpayee Jayanti: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत-रत्न से सम्मानित स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee 100th Birth Anniversary) की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खजुराहो (Khajuraho) में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना (Ken-Betwa River Linking National Project) का शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना (Omkareshwar Floating Solar Project) का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों (Atal Gram Sushasan Bhawan) का भूमि-पूजन करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का भी जारी करेंगे. देश को नदी जोड़ो की परिकल्पना देने वाले वाजपेयी जी की जयंती पर यह मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात होगी. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दोपहर 12:10 बजे खजुराहो आएंगे और दोपहर 2:20 बजे दिल्ली के लिये रवाना होंगे. इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे.
"केन-बेतवा लिंक परियोजना"
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 24, 2024
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर कमलों से 25 दिसंबर को बुंदेलखण्ड की समृद्धि और विकास का प्रारंभ होगा नया अध्याय।
बुंदेलखण्ड के 10 जिलों के 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होगी सिंचाई एवं 40 लाख से अधिक आबादी को मिलेगा पेयजल।
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सिंचाई के साथ पेयजल की सुविधा
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के शिलान्यास के साथ ही स्व. वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा. केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है. इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे. फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा.
मां नर्मदा के आंचल पर तैरता एशिया का सबसे बड़ा 'फ्लोटिंग सोलर प्लांट'
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 30, 2024
पावन दीप पर्व पर अत्यंत हर्ष का विषय है कि 'ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट' द्वारा आज से 278 मेगावाट की अपनी पूर्ण क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। यह उपलब्धि 'ग्रीन ऊर्जा एवं ऊर्जा के… pic.twitter.com/T4V0zF7gp7
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी.
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे. परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है. परियोजना के द्वितीय चरण की 240 मेगावॉट क्षमता के लिये एमपीपीएसीए से आवश्यक सहमति उपरांत चयनित विकासक "सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड" से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है. पुण्य सलिला माँ नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को प्रदेश की जनता को समर्पित करना प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति सरकार के सतत प्रयासों को प्रदर्शित करता है.
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन कर प्रथम किश्त का वितरण भी करेंगे. प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में से भवन विहीन, जीर्ण-शीर्ण भवन और अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायतों को नवीन भवन की स्वीकृति के लिये चिन्हित किया गया है. प्रारंभिक चरण में 1153 नवीन पंचायत भवनों के लिये 437.62 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का मत था कि पंचायत भवन, ग्राम पंचायत की सर्वाधिक मूल एवं महत्वपूर्ण अधोसरंचना है. इन भवनों की ग्राम पंचायतों के व्यवहारिक रूप से कार्य एवं दायित्वों के संवहन और कार्य संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका है. मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने के लिये समस्त ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन एवं क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर पंचायत भवन स्वीकृत करने का निर्णय लिया है.
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