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World Embryologist Day: आज ही के दिन दुनिया में आयी थी IVF बेबी, इन्फर्टिलिटी दूर करने में कारगर है ये विधि

IVF Day 2024: इसी दिन 1978 में पहली आईवीएफ (IVF या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) बेबी का जन्म हुआ था. उसका नाम रखा गया लुईस जॉय ब्राउन. ये अविश्वसनीय था जिसे कर दिखाया भ्रूणविज्ञानी यानी एंब्रियोलॉजिस्ट्स ने इसलिए इस दिन को उनके सम्मान में समर्पित कर दिया गया.

World Embryologist Day: आज ही के दिन दुनिया में आयी थी IVF बेबी, इन्फर्टिलिटी दूर करने में कारगर है ये विधि

IVF Treatment: विश्व IVF दिवस हर साल 25 जुलाई को मनाया जाता है, इसे विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस (World Embryologist Day) के रूप में भी जाना जाता है. ये दिवस हमें मौका देते हैं उन महानुभूतियों को सम्मानित करने का जिन्होंने सूनी गोद को उम्मीद दी. लाखों के माता पिता बनने का सपना साकार किया. इस दिन का इतिहास आशा, विश्वास और उम्मीद के धागे से बंधा है. भारत की बात करें तो हमारे यहां पहली टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube Baby) का नाम कनुप्रिया अग्रवाल है जो कोलकाता में जन्मीं वो भी लुईस के जन्म के 67 दिन बाद यानि 3 अक्टूबर 1978 को जन्मी थीं.

इतिहास World Embryologist Day History

इसी दिन 1978 में पहली आईवीएफ (IVF या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) बेबी का जन्म हुआ था. उसका नाम रखा गया लुईस जॉय ब्राउन. ये अविश्वसनीय था जिसे कर दिखाया भ्रूणविज्ञानी यानी एंब्रियोलॉजिस्ट्स ने इसलिए इस दिन को उनके सम्मान में समर्पित कर दिया गया.

कल्पना से परे था ये चमत्कार. उन जोड़ों के लिए उम्मीद की एक किरण बन कर आया ये मेडिकल साइंस का कारनामा. सालों की रिसर्च और स्टडी का नतीजा था जिसने सबको चौंका कर रख दिया. कौन होते हैं ये भ्रूणविज्ञानी जिन्होंने दुनिया को हैरान कर दिया?

महत्व World Embryologist Day Significance 

दिल्ली के मालवीय नगर स्थित निजी अस्पताल में बतौर भ्रूणविज्ञानी काम कर रहीं ललिता उपाध्याय बताती हैं, हम डॉक्टर नहीं होते. भ्रूणविज्ञानी वो वैज्ञानिक होते हैं जो प्रयोगशालाओं में पर्दे के पीछे काम करते हैं. भ्रूण ट्रांसफर करने या उन्हें संरक्षित करने का जटिल काम, जैसे भ्रूण का विकास परखनली में सही हो, स्वस्थ हो, उसको बढ़ने के लिए जरूरी पोषण मिले इस पर पैनी नजर बनाए रखते हैं. हम समर्पित पेशेवरों को अक्सर रोगी के शुक्राणु, अंडे या भ्रूण के प्रोटेक्टर या "देखभालकर्ता" के रूप में देखा जाता है, जो शुरू से अंत तक उनके विकास यात्रा के साक्षी बनते हैं.

आखिर कौन हैं वो जिनके लिए ये विधि वरदान है?

इन्फर्टिलिटी (Infertility) यानि बांझपन एक ऐसी समस्या है, जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं. पुरुष या महिला किसी में भी कोई कमी होती है या मां बाप बनने में कोई परेशानी आती है. ऐसे लोगों के लिए परखनली शिशु विधि उम्मीद की नई दिशा की ओर बढ़ाती है. आईवीएफ तकनीक एक तरीका है, जिसके जरिए गर्भ से बाहर लैब में भ्रूण एक टेस्ट ट्यूब यानि परखनली में तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया के तहत महिला के शरीर से अंडों को बाहर निकालकर इसे स्पर्म से फर्टिलाइज किया जाता है. इसके बाद तैयार हुए भ्रूण यानी एंब्रियो को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है और इस तरह गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू होती है.

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