
Sheetala Ashtami 2024: हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी या बसोंड़ और पूजन का ख़ास महत्व है, इस दिन विधि विधान से माता शीतला की पूजा अर्चना की जाती है. माता शीतला (Mata Sheetala) की आराधना से बच्चों की बीमारियां दूर होती है, शीतलाष्टमी की पूजा (Shitala Ashtami Puja) कैसे करें? ये किस दिन पड़ रही है? इसकी जानकारी पंडित दुर्गेश ने दी है, आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...
कब है शीतला अष्टमी?
इस साल शीतला अष्टमी 2 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रही है, माता शीतला अष्टमी के पावन पर्व पर ताज़ा भोजन नहीं पकाया जाता है. शीतला अष्टमी के दिन एक दिन पहले बना खाना ही खाते हैं, एक दिन पूर्व बने मिष्ठान को अगले दिन भोग लगाकर बासी भोजन ही प्रसादी के रूप में वितरण करते हैं.
यह भी पढ़ें: Happy Bhaidooj : होली के बाद क्यों मनाते हैं भाईदूज? जानिये इस पर्व की पौराणिक कथा
कैसे करें शीतला अष्टमी की पूजा?
शीतला अष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करना चाहिए और एक दिन पहले तैयार किए गए मिष्ठान जैसे मीठे चावल, बासी रोटी आदि को एक थाली में रख लें, उसके बाद पूजा के लिए एक पीतल थाली में गेहूं के आटे का दीपक, रोली, अक्षत, हल्दी, वस्त्र बड़कुले की माता, मेहंदी, सिक्के, नारियल इत्यादि रखें और माता शीतला की पूजा-अर्चना करें.
यदि पूजन सामग्री बची है तो गाय को अर्पित करते हैं, इस दिन माताएँ अपनी संतान और परिवार के अन्य सदस्यों की ख़ुशहाली और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करती हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है.)